उदयपुर के हाई-प्रोफाइल युवाओं पर क्रिमिनल माइंडेड “दोस्तों” की नज़र?

 उदयपुर के हाई-प्रोफाइल युवाओं पर क्रिमिनल माइंडेड “दोस्तों” की नज़र?

शहर में पिछले दिनों व्यवसायी राहुल मखीजा का अपहरण सबसे हॉट टॉपिक था, और भी चर्चा में था अपहरण में लिप्त अभियुक्तों का खुद मखीजा के भाई के साथ उठना बैठना. यह वारदात सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे बाहर से आए अपराधिक प्रवर्ती के लडको ने कुछ ही महीनो में उदयपुर के हाई प्रोफाइल ग्रुप्स में दोस्ती के नाम पर अपनी पैंठ बना ली.

इस पूरे कांड में प्राइमाफेसी यही बात सामने आई कि अभियुक्तों ने पहले अमीर लड़को से दोस्ती की फिर उनके रहन सहन से उनकी हैसियत का अंदाज़ा लगाया, उसके बाद अपने विक्टिम को चिन्हित कर पहले एक्सटोर्शन करने की कोशिश की और जब बात नहीं बनी तो सीधा अपहरण और फिरौती.

30 दिसम्बर 2021 को राहुल मखीजा के अपहरण की ख़बर आते ही शहर में कई बाते उड़ने लगी…जैसे…कही यह खुद का बनाया हुआ कोई फेक अपहरण तो नहीं? क्यूंकि यदि अपराधिक गतिविधियों के जानकारों की माने तो उदयपुर में ऐसा कोई डेरिंग बाज़ गैंग नहीं जो अपहरण कर 80 लाख की फ़िरौती मांग ले. तो फिर यह कौन है जिसने उदयपुर के नामचीन व्यवसायिक घराने के व्यक्ति को दिन दहाड़े उठा लिया?

इस पूरे मामले में उदयपुर पुलिस की सुझबुझ और तत्परता को मानना पड़ेगा. एक ब्लाइंड किडनैपिंग की वारदात जिसमे न चश्मदीद और न कोई सबूत पर फिर भी बदमाशो को दबोच भी लिया और पीड़ित को सकुशल बचा भी लिया.

पर जब मामले का खुलासा हुआ तो कई बाते सामने आई, कि कैसे मध्यप्रदेश के नीमच से फरार चल रहा आरोपी अनुराग अहीर कई महीनो से उदयपुर की होटलों में रहते हुए यहाँ के हाई प्रोफाइल ग्रुप्स में उठ बैठ रहा था? और कौन सा वो “लिंक” था या है जिसने अनुराग अहीर को उदयपुर के धनी लोगो से जान पहचान करवाई ? जैसे कविश मखीजा जिससे अनुराग अहीर का संपर्क हुआ और फिर बाद में अनुराग ने काविश के ही भाई राहुल को किडनेप कर लिया.

क्या उदयपुर के उद्योगपतियों और कारोबारियों पर क्रिमिनल्स रेकी कर रहे है?

उदयपुर छोटा है, ज़्यादातर मिडिल क्लास आबादी है फिर भी सम्पन्नता की कमी नहीं, मार्बल, होटल, उद्योग कई बड़े बिजनेसमैन और उनकी लाइफ स्टाइल. जब पैसा है तो दिखाना भी कोई अपराध नहीं, पर अपराधियों को तो नहीं समझा सकते ना…समझना तो खुद पड़ेगा कि कितना दिखाना सही है और सेफ है.

प्रायः उदयपुर में युवाओं का एक भिन्न समाज पनप रहा है जिसमे दो तरह के युवा है, एक अमीर है और दिखावा करता है और एक अमीर नहीं है फिर भी दिखावा करता है, यह खतरनाक है क्यूंकि इसमें झूठे दिखावे को एफोर्ड करने के लिए जो पैसा चाहिए वो सीधे तरीके से कमाया नहीं जा सकता. फिर एक ही तरीका बचता है…. क्राइम

सुना है अनुराग अहीर ने भी क्राइम पट्रोल के सीरीज देख-देख कर किडनैपिंग का प्लान बखूबी बनाया…शायद उसने सोचा होगा कि गलती की कोई गुंजाइश नहीं होगी पर फिर भी गलती तो होनी ही थी. उसकी गलती ने उसका मिलयन डॉलर प्लान भी चौपट करवा दिया और हमारे लिए एक वार्निंग साईरन भी बजा दिया है कि सबकी किस्मत राहुल मखीजा जैसी नहीं होगी. इसलिए शो-शा कम और सचेत रहने की ज्यादा ज़रूरत है….क्यूंकि पता नहीं कौनसा दोस्त कब क्रिमिनल बन जाये.

वैसे ऐसा लगता है कि राहुल मखीजा किडनैपिंग केस में अभी और भी पत्ते खुलने बाकि है…   

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