मध्यप्रदेश के बड़े नेता का बेटा निकला उदयपुर के राहुल माखीजा का अपहर्ता
पीड़ित के भाई से जमीन विवाद की खुन्नस निकालना चाहता था सरगना अनुराग
उदयपुर । 30 दिसम्बर 2021 का दिन दुनिया के सबसे शांत और खूबसूरत शहर उदयपुर में एक ऐसी अशांति लेकर आया जिसने न केवल पूरे सिंधी समाज को हैरत में डाल दिया बल्कि हर खासोआम को सोचने पर मजबूर कर दिया। सभी के जहन मेें सिर्फ एक ही बात थी कि अम्बावगढ़ में रहने वाले धनाढ्य और सभ्रांत परिवार के बेटे राहुल माखीजा का दिन दहाड़े अपहरण आखिर कैसे संभव है। क्यूंकि माखीजा परिवार की किसीे से कोई दुश्मनी नहीं थी और यह परिवार कभी विवादित भी नहीं रहा है। अपहरण के कुछ देर बाद राहूल के ही नम्बर से उसके पिता के पास व्हाट्सएप्प काॅल आती है और 80 लाख नहीं देने पर राहूल को जान से मार देने की धमकी मिलती है।
यह बात जैसे ही उदयपुर पुलिस तक पंहुचती है तो पूरा का पुरा पुलिसिया तंत्र वारदात की हकीकत तक पंहुचने में लग जाता है, लेकिन 48 घण्टे बाद भी पुलिस के हाथ लगती है सिर्फ राहूल की कीचड से सनी कार। अफवाहों का दौर शहर की हवाओं में ऐसा घुलता हैकि पुलिस को राहूल तक पंहुचना चुनौती से कम नहीं लगता है। कई घण्टों तक सैंकड़ो सीसीटीवी खंगालने और मुखबरिया तंत्र की मदद से पुलिस को एक कड़ी मिलती है जो ही सबसे अहम होती है। उस कड़ी का नाम है अनुराग पुत्र राजकुमार अहीर, उदयपुर पुलिस की पकड़ में आते ही मास्टर माईंड अनुराग तोते की तरह बोलता गया और आखिरकार सोमवार की अल सुबह पुलिस राहूल माखीजा तक पंहुच ही गई।
अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, पांच बदमाश गिरफ्तार
अम्बामाता थाना क्षेत्र के अम्बावगढ़ क्षेत्र में फाईनेंसकर्मी राहुल माखीजा के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें एक गुजरात का है बल्कि चार मध्यप्रदेश से है। जिनमें मुख्य अभियुक्त अनुराग पुत्र राजकुमार अहीर निवासी नीमच, विपुल अजमेरा पुत्र सुशील अजमेरा निवासी सुरत, माधव बंसल पुत्र सतीश बंसल निवासी नीमच, मोहित उर्फ बिट्टू पुत्र संतोष यादव निवासी नीमच और संतोष यादव पुत्र रामराज यादव निवासी इंदौर शामिल है।
इस टीम की रही अहम भुमिका
जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के निर्देशन में डिप्टी जितेंद्र आंचलिया के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जिसमें अम्बामाता थानाधिकारी सुनील टेलर, घण्टाघर थानाधिकारी श्यामसिंह रत्नू, सुखेर थानाधिकारी मुकेश सोनी,सवीना थानाधिकारी रविन्द्र चारण, भोपालपुरा थानाधिकारी भवानी सिंह राजावत, डीएसटी प्रभारी दलपतसिंह, साईबर सेल प्रभारी गजराज सिंह, डूंगला थानाधिकारी यशवंत सिंह सौलंकी और उनकी टीम को शामिल किया गया। चार दिनों की कड़ी मेहनत के बाद राहुल को खोजने और बदमाशों को पकड़ने में सफल होती है।
राहुल के भाई से थी अनुराग को खुन्नस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मास्टर माईंड अनुराग अहीर और राहूल माखीजा के भाई कविश के बीच एक जमीन विवाद चल रहा था, दरअसल अनुराग ने कोई जमीन कविश को दिखाई थी, जिसमे टोकन देने के बाद अनुराग की परेशान करने वाली हरकतों से कविश ने डील केंसल कर दी और टोकन की राशि वापस ले ली। बस इसी बात की खुन्नस अनुराग को थी और वह दोनो भाईयों में से किसी को भी किडनेप करके ऐश मौज के लिए पैसे ऐठना चाह रहा था। बाद में उसने अपनी गैंग को सक्रिय किया और किडनेपिंग की साजिश रच डाली।
नेताजी का बेटा अहीर पहले भी कर चुका है किडनेपिंग
अनुराग अहीर भी काफी नामचीन और सभ्रांत परिवार से है, उसके पिता राजकुमार अहीर एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता है और मध्यप्रदेश के जावद से एक नहीं तीन बार चुनाव लड़ चुके है, यह बात और हैकि राजकूमार अहीर कभी जीत नहीं पाए, लेकिन अपहरण में जिन वाहनों का उपयोग किया गया है वह भी साबित करते हैकि अनुराग अहीर कितना हाई प्रोफाईल है। इस किडनेपिंग के पहले भी अनुराग एक पत्रकार मूलचंद खींची का अपहरण कर चुका है जिसमे उसके पिता राजकुमार अहीर की भुमिका संदिग्ध रही है। पत्रकार के अपहरण में राजकुमार हर पल अनुराग को फोन पर गाईडेंस देता रहा था।
काफी दिनों से उदयपुर में रहकर कर रहा था रैकी
अनुराग अहीर अपने गुर्गाें के साथ काफी दिनों से उदयपुर में ही रह रहा था। अम्बावगढ़ की ही एक होटल में राहूल डेरा डाले हुए था और इस बीच वह शहर के एक नामचीन कैफे में भी आने जाने लगा था। जहां अमूमन शहर के हाईप्रोफाईल बाईकर्स ही आते है, अनुराग ने वहां भी रैकी की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाया तो उसने कविश या उसके भाई राहुल के अपहरण की साजिश रच डाली।
रिपोर्ट : मनु राव (वरिष्ट पत्रकार, एडिटर उदयपुर न्यूज़ चैनल)