विज्ञान सर्वत्र पूज्यते महोत्सव का सफल समापन

 विज्ञान सर्वत्र पूज्यते महोत्सव का सफल समापन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो  नरेंद्र सिंह राठौर के निर्देशन में सात दिवसीय संस्कृति मंत्रालय एवं विज्ञान प्रसार भारत सरकार द्वारा प्रायोजित विज्ञान सर्वत्र पूज्यते महोत्सव का आज समापन हुआ।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि डायरेक्टर रिसर्च प्रो एस के शर्मा ने अपने उद्बोधन भाषण में बताया कि इस प्रकार के महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में होना चाहिए उदयपुर शहर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी छात्र विज्ञान विज्ञान के बारे में एक ही जगह पर जानकारी प्राप्त कर सकें।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थी विज्ञान की नई तकनीक यथा ६जी, अनमैंड व्हीकल आदि नई तकनीकों पर कार्य करना शुरू करे क्योंकि वे भविष्य की प्रौद्योगिकी बनने वाली है। उन्होंने बताया कि भौतिक ज्ञान के अलावा वे अपने भीतर की शुद्धता पर भी ध्यान दें ताकि वे एक सुदृढ़ युवा वैज्ञानिक बन सके जो देश के विकास में अमूल्य योगदान दे सकें ।

अधिष्ठाता प्रोफेसर पीके सिंह ने अपने संबोधन भाषण में बताया कि जिस उद्देश्य से यह महोत्सव शुरू हुआ था उस उद्देश्य की पूर्ति आज समापन समारोह में दिख रही है जहां विद्यार्थियों को 75 वैज्ञानिक वीडियोस, 75 वैज्ञानिक पोस्टर 75 रेडियो टॉक्स, 75 वैज्ञानिक पुस्तकें दिखाई गई तथा उन्हें मुफ्त में वितरित  किया गया।  उन्होंने उत्सव में दिए गए व्याख्यान की भूरी भूरी प्रशंसा की। आयोजन सचिव एवं विद्युत अभियांत्रिकी विभागाध्यक्ष डॉ विक्रमादित्य दवे ने बताया कि समारोह में करीब ढाई हजार कॉलेज एवं स्कूल  के छात्र छात्राओं ने भाग लिया।

महोत्सव में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव मदार के  विद्यालय के करीब 100 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

समारोह में कई प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जैसे निबंध कविता पाठ प्रतियोगिता , स्लोगन प्रतियोगिता स्कूल एवं जिला स्तर पर हुआ। 

विजेता प्रतियोगियों आज अधिष्ठाता एवं मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। डॉ. दवे ने बताया कि समारोह में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ एवं समारोह में कई लोगों ने भाग लिया एवं प्रदर्शन किया। डॉ दवे ने बताया कि उत्सव में देश के जाने-माने वैज्ञानिकों ने 14 व्याख्यान भी दिए।

समापन समारोह में डॉ जय कुमार महेर चंदानी, डॉ नवीन जैन, डॉ. शक्तावत, इं. वाहिद, इं. अंकुश व लोकप्रिया आदि मौजूद रहे।

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