मपीयूएटी को लगे नये पंख – मिले दो कृषि ड्रोन
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर को कृषि शिक्षा एवं प्रसार को बढ़ावा देने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा दो कृषि ड्रोन दिये गये जिनका विधिवत उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक ने किया।
इस मौके पर डाॅ. कर्नाटक ने बताया कि एक ड्रोन उदयपुर तथा दूसरा कृषि विज्ञान केन्द्र, भीलवाड़ा पर प्रयोग में लिया जायेगा। इससे कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार को नई गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि उन्नत सेंसर और डिजिटल इमेजिंग क्षमताओं के साथ, किसान फसल उत्पादन बढ़ाने और फसल की वृद्धि की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग बहुत ही लाभकारी है। मिट्टी के विश्लेषण में भी ड्रोन का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह मिट्टी की उच्च गुणवŸाा वाली 3-डी छवियों को कैप्चर करने में सक्षम है। साथ ही फसलों में होने वाले संक्रमण को जांच कर समाधान भी बताता है।
इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ. आर.ए. कौशिक, प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर ने बताया कि ड्रोन का उपयोग अंतहीन है, इसका उपयोग सिंचाई में भी किया जा सकता है क्योंकि यह खेतों को ट्रैक कर सकता है और पता लगा सकता है कि एक क्षेत्र के कौन से हिस्से सूखे हैं और पानी की आवश्यकता है। इस चिड़िया के आंखों के दृश्य कई मुद्दों का खुलासा कर सकते है और किसानों को फसल की वृद्धि और उत्पादन का सबसे प्रभावी ढंग से आंकलन करने में मदद कर सकते हैं।