“विश्व दुग्ध दिवस” सप्ताह का समापन समारोह

 “विश्व दुग्ध दिवस” सप्ताह का समापन समारोह

एम पी यू ए टी के संघटक डेयरी एवं खाद्य प्रोद्योगिकी महाविद्यालय में “विश्व दुग्ध दिवस” सप्ताह का समापन समारोह तथा कार्यक्रम के अंतिम दिन वैश्विक डेयरी उद्योग: अवसर और चुनौतियां पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ।

राष्ट्रीय सेमिनार में डॉ अजीत कुमार कर्नाटक, एम पी यु ए टी कुलपति, विजय सरदाना, तकनीकी कानूनी विशेषज्ञ, भारत सरकार और कौशलेश वार्ष्णेय, तकनीकी निदेशक, सोशियो हजूरी प्राइवेट लिमिटेड जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय वक्ता शामिल हुए तथा 350 छात्रों ने भाग लिया।

विजय सरदाना ने बताया कि दूध में मौजूद तमाम पौष्टिक तत्वों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन ने विश्व दुग्ध दिवस मनाने का फैसला किया, ताकि दूध के तमाम महत्वों की जानकारी से आम जनजीवन को अवगत कराया जा सके l
कौशलेश वार्ष्णेय ने बताया कि ,इसका मुख्य उद्देश्य जन-जन को दूध में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के प्रति जागरूक करना, वहीं डेयरी क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास को मजबूत बनाना था l इस दिवस की महत्व को देखते हुए प्रत्येक वर्ष दुग्ध दिवस मनाने वाले देशों की संख्या में वृद्धि हो रहीं हैं l

महाविद्यालय के डीन डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि विश्व दुग्ध दिवस वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा एक वैश्विक आहार के रूप में दूध के महत्त्व को रेखांकित करने के लिये स्थापित किया गया।

डॉ अजीत कुमार कर्नाटक, एम पी यु ए टी कुलपति ने बताया कि इस दिन का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित करने का अवसर प्रदान करना है।

डॉ. एसआर मालू माननीय सदस्य बीओएम, एमपीयूएटी ने बताया कि डेयरी भारत में सबसे बड़ी कृषि जिंस है। यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देता है और 80 मिलियन डेयरी किसानों को प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करता है।

आर्थिक गतिविधियों में सुधार, दुग्ध और दुग्ध उत्पादों की प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि, आहार संबंधी प्राथमिकताओं में बदलाव तथा भारत में बढ़ते शहरीकरण ने डेयरी उद्योग को वर्ष 2021-22 में 9-11% की वृद्धि के लिये प्रेरित किया है।

संगठित डेयरी खंड, जिसका उद्योग (मूल्य के आधार पर) में 26-30% हिस्सा है, में असंगठित क्षेत्र की तुलना में तेज़ी से विकास देखा गया है।

प्रशिक्षण आयोजक सचिव, डॉ कमलेश मीना ने बताया की महाविद्यालय में “विश्व दुग्ध दिवस” सप्ताह में विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। पहले दिन की शुरुआत पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता से हुई, जिसमें 60 छात्रों ने भाग लिया।

दूसरे दिन निबंध लेखन प्रतियोगिता हुई, जिसमें मौके पर ही विषय उपलब्ध कराया गया। कार्यक्रम के तीसरे दिन एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता हुई, जिसमें 35 छात्रों ने भाग लिया। साथ मे छात्रों के लिये सीनियर अलुमनी के साथ संवाद व अनुभव आदान प्रदान का सत्र भी चालु करवाया गया तथा प्रतियोगिता के परिणाम घोषित कर उन्हें पुरस्कारित किया गया।

Related post