आईवीएफ सरल, सफल और किफायती तकनीक- डाॅ. मोनिका
जयपुर में हुआ निःसंतानता और आईवीएफ विषय पर सम्मेलन
उदयपुर। हमारे देश में निःसंतानता को अभिशाप माना जाता है। निःसंतानता से प्रभावित ज्यादातर लोग इसलिए उपचार के लिए आगे नहीं आते क्योंकि उन्हें लगता है इसका इलाज संभव नहीं है। देश में निःसंतानता और आईवीएफ उपचार विषय पर ईसार युवा की ओर से नेषनल कांफ्रेस का आयोजन जयपुर में किया गया।
इण्डियन सोसायटी आॅफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन की कांफ्रेन्स में देशभर के 200 से ज्यादा स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा आईवीएफ स्पेषलिस्ट ने भाग लिया, इसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध डाॅ. नंदिता पालशेटकर और गौतम खास्तगिर भी उपस्थित रहे। उदयपुर से स्पर्ष वुमन्स हाॅस्पिटल की डायरेक्टर और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डाॅ. मोनिका शर्मा ने बतौर वक्ता आईवीएफ में कठिनाइयों से कैसे निपटे विषय पर अपने विचार रखे।
डाॅ. मोनिका शर्मा ने कहा कि देश में निःसंतानता उपचार केन्द्रों के द्वारा निःसंतान दम्पतियों को संतान प्राप्ति में मदद करने के प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन ये काफी नहीं है इसके लिए सरकार की ओर से भी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए। अक्सर जब दम्पती उपचार के लिए किसी अस्पताल में जाते हैं तो उनके मन में इसकी सफलता और प्रक्रिया को लेकर कई सवाल होते हैं।
कई दम्पती इसलिए भी उपचार नहीं करवाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है आईवीएफ प्रक्रिया काफी कठिन है और जटिल परिस्थितियों को आईवीएफ में संभालना मुष्किल है जबकि सच ये है कि दम्पती की निःसंतानता की स्थिति में आईवीएफ सरल और सफल तकनीक है। दुनियाभर में कई ऐसे केसेज भी सामने आए हैं जिसमें विकट स्थितियों में भी महिला को गर्भधारण हुआ है। देष के अन्य स्थानों से आए निःसंतानता एवं आईवीएफ विशेषज्ञों ने भी इस विषय पर विचार रखे।