निःसंतानता के उपचार में हिस्टेरोस्कॉपी लाभदायक – डॉ. मोनिका

 निःसंतानता के उपचार में हिस्टेरोस्कॉपी लाभदायक – डॉ. मोनिका

उदयपुर। पिछले कुछ वर्षों में निःसंतानता की समस्या काफी बढ़ी है । कम उम्र की महिलाएं भी जटिल समस्याओं से प्रभावित हो रही हैं लेकिन सुकून वाली बात ये है कि आज के समय में हेस्टेरोस्कॉपी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से इनका उपचार संभव हो पा रहा है, यह विचार राज इण्डो गायनी कान्फ्रेंस रोल ऑफ हिस्टेरोस्कॉपी इन इनफर्टिलिटी एंड आईवीएफ के दौरान वरिष्ठ स्त्री रोग व लेप्रोस्कॉपी विशेषज्ञ डॉ. मोनिका शर्मा ने रखे।

राजधानी जयपुर में हुई इस कांफ्रेस में देशभर के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया तथा निःसंतानता और आईवीएफ में हिस्टेरोस्कॉपी की भूमिका पर मंथन किया ।

8वीं कांफ्रेस में पुणे के प्रसिद्ध डॉ. शैलेश पुंताम्बकर और डॉ. सुनीता तंदुलवकर, बेंगलुरू के डॉ. बी. रमेश सहित देश के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी चिकित्सा प्रक्रिया के बारे में अपने अनुभव और विचार रखे।

स्पर्श वुमन्स हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ. मोनिका ने बताया कि इस तरह की कांफ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा में हो रहे नवाचारों के बारे में जानकारी मिलती है। समय के साथ निःसंतानता के उपचार में कई नये और सफल आविष्कार हो रहे हैं इनमें हिस्टेरोस्कॉपी भी एक है।

महिला के गर्भाशय की जांच, अनियमित माहवारी की स्थिति में जांच करने के लिए, पॉलिप्स का इलाज करने के लिए, यूटेराइन फाइब्रोइड्स की जांच और उपचार में हिस्टेरोस्कॉपी उपयोगी साबित हो रही है। आजकल महिला निःसंतानता के ज्यादातर कैसेज में सर्जरी की स्थिति में इसका उपयोग किया जाता है। ये प्रक्रिया बहुत सरल होने के साथ दर्द रहित है और मरीज को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।

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