राष्ट्रीय फीडे रेटेड रैपिड ओपन शतरंज प्रतियोगिता सम्पन्न
उदयपुर, 30 दिसम्बर। दो दिन से उदयपुर में दिमागी घोड़े दौड़ा रहे शतरंज के शातिरों पर गुरुवार को पुरस्कारों की बरसात हुई। शह और मात के इस दिमागी खेल में कई ने पुरस्कार पाया तो कई ने अपनी रैंक सुधार कर अपना कद बढ़ाया। पुरस्कार वितरण के बाद खिलाड़ी विदा हो गए।
चेस इन लेकसिटी की मेजबानी में बुद्धिबल सेवा संस्थान, राजस्थान राज्य शतरंज संघ, अखिल भारतीय शतरंज महासंघ, विश्व शतरंज महासंघ, ओम बन्ना सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में श्री ओम बन्ना की स्मृति में लेकसिटी विंटर ओपन फीडे रेटेड रैपिड ओपन शतरंज प्रतियोगिता के समापन पर अतिथियों ने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की.
न्यू भूपालपुरा स्थित आर्बिट रिसोर्ट में चल रही इस प्रतियोगिता के समापन अवसर पर अतिथिगण आईएएस डाॅ. टी. शुभमंगला, सेंट एंथोनी के प्रिंसिपल विलियम डीसूजा, अरावली हाॅस्पिटल के निदेशक डाॅ. आनंद गुप्ता, चेस इन लेकसिटी के संरक्षक तुषार मेहता, चेस इन लेकसिटी के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज, नेशनल चेस प्लेयर सोनल गर्ग ने श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किए।
चेस इन लेकसिटी के सचिव विकास साहू ने बताया कि दिल्ली के आर्यन वाष्र्णेय को 30 हजार एक रुपये, गुजरात के कुशल जानी को 20 हजार एक, दिल्ली के हरीश शर्मा को 15 हजार एक, महाराष्ट्र के सौरव खेरेड़कर को 10 हजार एक, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के विनय कुमार मट्टा को 7 हजार, गुजरात के उज्ज्वल बंसल को 6 हजार का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह, राजस्थान के वर्षांक चैहान, गुजरात के आदि जैन व जलपान भट्ट, राजस्थान की दक्षित कुमावत को 5-5 हजार का पुरस्कार प्रदान किया गया।
इसी तरह, उदयपुर के सन्नी बेदी, राजस्थान के मुकेश मंडलोई, महेन्द्र सिंह राठौड़, मध्यप्रदेश के हितेष एस. जरिया, महाराष्ट्र के प्रदीप सुथार, एमपी के गिरिराज पाठक, दिल्ली के अक्षत नेगी, हरियाणा के चिराग मनचंदा, उदयपुर के दिव्यांशु टी बाबेल तथा राजस्थान के अरुण कटारिया को 3-3 हजार का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह, 1400 से 1201 तक की रेटिंग में श्रेष्ठ खिलाड़ियों, 1200 तक व अनरेटेड में श्रेष्ठ प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों, श्रेष्ठ महिला खिलाड़ियों, 50 वर्ष की आयु से अधिक के श्रेष्ठ खिलाड़ियों, अंडश्र-19, अंडर-17, अंडर-15, अंडर-13, अंडर-11, अंडर-9, अंडर-7 और यंगेस्ट श्रेणी में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया।