उदयपुर की शतरंज मास्टर कियाना बनी एशिया चैम्पियन
लेकसिटी की लिटिल शतरंज मास्टर कियाना परिहार ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए एशियाई युवा शतरंज में अंडर-8 की चैम्पियन बनी। कियाना ने क्लासिक शतरंज में विरोधियों को शिकस्त देकर भारत को गोल्ड दिलाया और राजस्थान के लिए यह कारनामा करने वाली पहली खिलाड़ी बनी।
लेकसिटी चेस के संरक्षक तुषार मेहता ने बताया कि यूएई में खेली जा रही स्पर्धा में कियाना ने एक भी मुकाबला नहीं हारा और 9 में से 8 अंक हासिल किए। अपने आयु वर्ग में चैम्पियन बनकर उन्होंने देश के लिए पदक जीता। इससे पहले वह इसी स्पर्धा के तहत रेपिड शतरंज में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। राजस्थान शतरंज संघ के उपाध्यक्ष राजेंद्र तेली ने बताया कि एशिया में स्वर्ण पदक जीतना उदयपुर और राजस्थान के लिए बड़ी उपलब्धि है और कियाना यह करने वाली पहली खिलाड़ी हैं।
वहीं उदयपुर के प्रशिक्षक विकास साहू के साथ-साथ निलेश कुमावत, भावेश पडियार, कुशाल पटेल के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में कियाना महिला ग्रैंड मास्ट का खिताब हासिल करेंगी।
वर्ल्ड और कॉमनवेल्थ स्पर्धा के लिए क्वालिफाईः
3 साल की उम्र में शतरंज खेलने की शुरुआत करने वाली कियाना ने एशिय में पदक जीतने के साथ ही वल्ड और कॉमनवेल्थ स्पर्धा के लिए क्वालिफाई कर लिया है। इसके अलावा वह वर्ल्ड युथ शतरंज चैंपियनशिप अंडर 10 के लिए भी क्वालिफाई हो गई हैं, जो अक्टूब 2024 में ब्राजील में होगा।
अध्यक्ष राजीव भारद्वाज ने बताया इस अवसर पर राजस्थान राज्य शतरंज के उपाध्यक्ष राजेंद्र तेली, निलेश कुमावत मनीष चंडालिया, राजस्थान राज्य शतरंज के कार्यकारिणी सदस्य शतरंज प्रशिक्षक व विकास साहू व कुशाल पटेल व समस्त लेकसिटी के सदस्यों व पदाधिकारी द्वारा शुभकामनाएं प्रेषित की गई
माता-पिता और कोच के लगातार मार्गदर्शन व प्रेरणा से मिली सफलताः
पदक जीतने के बाद कियाना बताया कि वह पहली बार इंटरनेशनल स्तर पर खेलने गई थीं। इस दौरान माता डॉ. मनीषा साथ में थीं। पिता जितेंद्र परिहार और राष्ट्रीय कोच हेमल थानकी के लगातार मार्गदर्शन और प्रेरणा के कारण हो उन्हें सफलता मिली है। कोच थानकी रोजाना हर गेम का अपडेट लेते हैं और ऑनलाइन दो से तीन घंटे अभ्यास कराते हैं। कियाना ने कहा कि पहले इंटरनेशनल में सफलता मिलने पर विश्वास बढ़ा है और अब बह अपने लक्ष्य अॅड मास्टर की तरफ अच्छी तरह से आगे बढ़ सकेंगी।