चाकू लहराते बदमाशो ने पिता पुत्र को लूटा, पुलिस ने 48 घंटो में पकड़ा

 चाकू लहराते बदमाशो ने पिता पुत्र को लूटा, पुलिस ने 48 घंटो में पकड़ा

सोमवार 22 तारीख को खेरवाडा कस्बे से जाता हुआ नेशनल हाईवे-8, दिन दहाड़े, बिना हिचकिचाहट तीन टुच्चो ने एक कार सवार पिता पुत्र को पहले चाकुओ और पत्थर से हमला कर घायल किया फिर करीब 5000 नकद और आधार कार्ड लूट कर ले गए.

घटना के दौरान इन टुच्चो की चाकू लहराते हुए और ललकारते हुए कुछ फोटो खुद पीड़ित ने अपने फ़ोन से क्लिक कर दी थी, जिससे इनका चेहरा पुलिस और दुनिया के सामने आया. पुलिस ने इनमे से दो को पकड़ लिया है.

घटनाक्रम – डूंगरपुर निवासी योगेन्द्र कुमार और उनके पुत्र जीतेन्द्र पचोरी उदयपुर से डूंगरपुर जा रहे थे, खेरवाडा के टोल से पहले स्कूटी पर सवार तीन बदमाशो ने उनका पीछा करना शुरू किया, रुकने का ईशारा किया पर वे नहीं रुके, टोल के बाद खेरवाड़ा बस स्टैंड पर बदमाशो ने स्कूटी उनकी कार के आगे लगा दी और हमला किया जिसमे जीतेन्द्र के घरे घाव आये और उनके पिता को सर पर पत्थर से मारा.

बदमाशो ने नकद 5 हज़ार और आधार कार्ड छीन लिया, चाकू लहराते भाग निकले. दोनों घायल खुद कार चला कर चिकत्सालय पहुचे.

48 घंटे बाद पुलिस ने वारदात में शामिल दो अभियुक्तों को पकड़ा. एक की पहचान, विकास पुत्र रणछोड़ भाई निवासी बोरी, कोतवाली, डूंगरपुर हाल में नगर अहमदाबाद और दूसरा अभियुक्त प्रकाश पिता शांतिलाल निवासी गुमानपुरा ढेलाणा ऋषभदेव है.

…..

विचार –

अब सवाल एक नहीं, कई है – दिन-ब-दिन बेरोजगार नौजवान क्राइम में एंट्री ले रहे है वो भी पूरे कॉन्फिडेंस के साथ, न वारदात करते हुए डर है न पकडे जाने के बाद कोई पछतावा, इसका क्या हल है?

आम आदमी आज कही भी सुरक्षित नहीं है, वारदात के बाद पुलिस कोर्ट और कचहरी के अलवा अपराधियों के बदला लेने का भी डर, क्या करे?  

कानून के या समाज के तहत, युवाओं को अपराध की दुनिया से बचाना और आम आदमी को अपराधियों से बचाना दोनों ही चुनोती है.   

Related post