डायमंड काम्प्लेक्स में दो बुज़ुर्ग महिलाओं की हत्या के आरोपी में एक महिला गिरफ्तार

 डायमंड काम्प्लेक्स में दो बुज़ुर्ग महिलाओं की हत्या के आरोपी में एक महिला गिरफ्तार
  • एक मृतका की रिश्तेदार है अरोपिया
  • शेयर बाज़ार में लाखों का नुकसान हुआ तो रची लूट और हत्या की साजिश
  • कुवैत भागने से पहले पकड़ा पुलिस ने

अम्बामाता थाना पुलिस ने पिछले दिनों डायमंड काम्प्लेक्स में हुई दो बोहरा महिलाओं की हत्या का  पर्दाफाश करते हुए आरोपी महिला मारीया पत्नी मुस्तान्सिर बोहरा को गिरफ्तार किया है.

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ से यह पता चला कि आरोपी महिला मारिया निवासी सैफी मस्ज्जिद सलुम्बर, हाल मेवाड़ हॉस्पिटल के पास, सुखेर द्वारा शेयर बाज़ार में लाखो का नुक्सान होने के कारण दोनों मृतकाओं की हत्या कर जेवर लूटने का प्लान बनाया. मारिया का पति मुस्तानिर कुवैत में रहता है.

पुलिस टीम ने आरोपिया को कुवैत भागने से पहले डीटेन किया.

जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया कि बोहरा समाज की दोनों महिलायें हुसैना बाई (75) एवं सारा बाई (80) दोनों सगी बहने थी. डायमंड काम्प्लेक्स स्थित मकान हुसैना बाई का था. दिनांक 27 अक्टूबर की शाम को दोनों महिलाओं के शव इस मकान में मिले जिसके बाद न सिर्फ समाज बल्कि पूरे शहर में सनसनी फ़ैल गई, ख़ास कर वे लोग जो बाहर रह कर काम कर रहे है और उनके बूढ़े माँ बाप  अकेले रहते है उनके मन में भय व्याप्त हो गया.

पुलिस टीम का घठन और अनुसंधान

पुलिस द्वारा घटना के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए लोकेन्द्र दादरवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उदयपुर एवं श्री चांदमल सिंगारिया वृताधिकारी वृत नगर पश्चिम के निर्देशन में डॉ. हनवंत सिंह राजपुराेहित थानाधिकारी अम्बामाता, सुबोध जांगिड थानाधिकारी धानमण्डी, पुरणसिंह राजपुराेहित थानाधिकारी बडगांव, नरपतसिंह थानाधिकारी घण्टाघर, दिपिका राठौड थानाधिकारी पर्यटक थाना, भरत योगी थानाधिकारी भूपालपुरा, हिमाशुं सिंह थानाधिकारी प्रतापनगर, योगेन्द्र व्यास थानाधिकारी सुखेर, श्री देवेन्द्र सिंह देवल उनि प्रभारी डीएसटी, गजरासिंह सउनि साईबर सैल की टीमे गठित गई।

क्षेत्र के 5 किमी के दायरे के सीसीटीवी फोतेज चेक किये, घर में काम करने वाले नौकर, आसपास पड़ोस के लोगो आदि से गहनता से पूछताछ की गई.

अरोपिया मारिया का बैकग्राउंड

पुलिस द्वारा मनौवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर घटनाकारित करने वाली महिला आराेपी मारिया पत्नि मुस्तनसिर बोहरा, , निवासी सैफी मस्जिद के पास, सलूम्बर हाल 28 मातवाडी, मेवाड हाँस्पीटल के पास, थाना सुखेर उदयपुर काे कुवैत जाने से पहले डिटेन कर बाद पूछताछ गिरफ्तार कर लिया गया.

मारिया का पति कुवैत में रहता है। आराेपी महिला द्वारा पैसे शेयर बाजार मे लगाने से करीब 30 लाख रूपये का घाटा लगना बताया है। जिससे दोनों मृतका के जेवरात लूटने के लिए हत्या करना बताया.

आराेपी महिला मारिया मृतका हुसैना बाई के बहन जुबेदा के लडके मुस्तनसिर बोहरा की पत्नि है, जिसने उसके घर में रहकर काम करने वाले परिवार के नवरात्रा कर गांव जाने पर हुसैना बाई के घर आना जाना बताया।

मारिया घर के छोटे मोटे काम भी हुसैना बाई या उसके बेटे सैफी के फोन करने पर करती थी एवं आराेपी मारीया मृतका हुसैना बाई के बेटे सैफी की पुरानी कार काे भी उपयोग में लेती थी। आराेपी मारिया जिससे मनौवैज्ञानिक तरीेके एवं गहनता से पूछताछ कर अन्य लोगाे के शामिल हाेने के सम्बध जुर्टाइ जी रही है। जिससे मे काेर्ट में प ेश कर रिमाण्ड प्राप्त कर अनुसंधान किया जायेगा।

कैसे दिया वारदात को अंजाम

आरोपी महिला जो मृतका हुसैना बाई एवं साराबाई के गहने को लेने के लिए लम्बे समय से नज़र बनाई हुई थी वारदात के करीब करीब 15-20 दिन पहले भी उनके घर में बनी हुई सब्जी के अन्दर नींद की दवा मिला कर वारदात करने की कोशिश की परन्तु मृतका के घर काम करने वाली महिला एवं उसके परिवार के उपस्थित होने पर वह घटना को अंजाम नहीं दे सकी.

मारिया ने दिनांक 23.10.23 को काम करने वाले परिवार के गाँव जाने पर मृतका हुसैना बाई के सम्पूर्ण छोटे मोटे काम की ज़िम्मेदारी ली दिनांक 26 अक्टूबर को मारिया ने उनके घर में अपना पहना हुआ बुर्खा उतार टी शर्ट और लोअर पहन कपडे से मुह ढंक एक छोटी सी लोहे की रोड ले कर मृतका हुसैना बाई के कमरे में पहुंची, मारिया ने हुसैना बाई का मुह दबाया तो दोनों में हुए संगर्ष में हुसैना बाई ने मारिया को पहचान लिया जिसपर आराेपी महिला ने मृतका हुसैना के सिर पर रोड से वार कर मार दिया फिर अलमारी से उनके जेवर निकालकर भागने लगी तो उनकी बहन सारा बाई के आने पर उनका भी मुहं दबा सर पर वार कर मार डाला.

वारदात के बाद मारिया सारे जेवरात लूटकर वहां से निकल गई और दूसरे दिन 27 अक्टूबर को फीर से आई और नीचे वाले फ्लोर पर पेट्रोल का छिडकाव कर आग लगा दी ताकि पुलिस को गुमराह कर सके. मारिया ने उसी दिन कुछ गहने बैंक में रख लोन भी ले लिया ताकि पुलिस को तलाशी में गहने न मिले.

यहाँ तक कि वह खुद घटनास्थल पर पुलिस के पहुँचने से लेकर दूसरे दिन तक आती जाती रही और पुलिस अधिकारीयों को झुककर नमस्कार भी करती ताकि पुलिस उस पर शक नही करे।

विशेष योगदान

इस पूरे घटनाक्रम में थाना अम्बामाता के कांस्टेबल श्रवण कुमार की विशेष भूमिका रही जिन्होंने घटना के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की.

टीम: डॉ. हनवंत सिंह राजपुराेहित थानाधिकारी अम्बामाता मय टीम ईशाक माेहम्मद सउनि,

शिवदत्तसिंह सउनि, हैड कानि नरेश कुमार, आसिफ मोहम्मद, कांस्टेबल श्रवण कुमार, अलोक, बजरंग, समुन्द्रसिंह, तरुण, देवेन्द्र, रिकेश, हरीकिशन, संदीप, राजकमल, शैलेन्द्र, राजपाल, ओम प्रकाश, शंकर सिंह, महिला कांस्टेबल बीना, मारुल. हिरणमगरी से कांस्टेबल रामजीलाल.

डीएसटी टीम से हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह, योगेश, मन मोहन सिंह, सुखदेव, हितेंद्र सिंह, कांस्टेबल उपेन्द्र सिंह, करतार सिंह, अनिल, रामनिवास, सीताराम, उपेन्द्र सिंह.

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