हृदय रोगों के लिए आधुनिक जीवनशैली भी जिम्मेदार – डॉ कासलीवाल

 हृदय रोगों के लिए आधुनिक जीवनशैली भी जिम्मेदार – डॉ कासलीवाल

उदयपुर।  हृदय रोग विषेषज्ञों के पांचवे राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और विषिष्ट अतिथि आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व नियन्त्रक डाॅ. लाखन पोसवाल, आयोजन चेयरमैन डाॅ. अमित खण्डेलवाल ने दीप प्रज्जवलन करके किया।

पहले दिन हार्ट डिजिज की जांचों और महत्वपूर्ण उपचार तकनीकों पर विषेष रूप से चर्चा की गयी। कार्डियोलाॅजी के क्षेत्र में विषिष्ट योगदान करने वाले चिकित्सकों डाॅ. रवि आर. कासलीवाल, डाॅ. संदीप मिश्रा, डाॅ. संजय महरोत्रा और डाॅ. मोहित गुप्ता का यहां पर सम्मान किया गया । दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हार्ट एंड रिदम सोसायटी की ओर से किया जा रहा है जिसमें अकेडमिक पार्टनर एपीआई चेप्टर उदयपुर तथा पारस हाॅस्पिटल उदयपुर हैं।

मुख्य अतिथि राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि शहरी क्षेत्र में तो लोग समय के साथ जागरूक हो रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हृदय संबंधी समस्या को हार्ट अटैक माना जाता है और लोग उपचार के लिए आगे आने से भी डरते हैं। चिकित्सकों द्वारा इस तरह के सम्मेलन जागरूकता लाने के लिए बड़ा व सफल कदम साबित होंगे।

विशिष्ट अतिथि डाॅ. लाखन पोसवाल ने कहा कि हृदय रोग से प्रभावित मरीजों में पुरानी उपचार विधियों की तुलना में नयी तकनीकें अधिक प्रभावी व सफल साबित हो रही है इस कारण जटिल मामलों में भी मरीज की जिन्दगी बचाने में सफलता मिल रही है। 

आयोजन चेयरमैन डाॅ. अमित खण्डेलवाल ने बताया कि हृदय रोग विषेषज्ञों के पास अक्सर मरीज तभी आते हैं जब समस्या बड़ा रूप ले चुकी होती है। मरीजों की समस्या और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर स्वस्थ हृदय के लिए कार्डियोलाॅजी में नवाचारों को सार्वजनिक करना थीम सम्मेलन का आयेाजन किया जा रहा है।

सम्मेलन के पहले दिन साइंटिफिक सेशन की शुरूआत हृदय रोग की सबसे सामान्य और महत्वपूर्ण जांचों ईसीजी और ईको से संबंधित प्रष्नोत्तरी से हुई । हाइपरटेंशन, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्राॅल से प्रभावित मरीजों की विभिन्न स्वास्थ्य परिस्थितियों में सफल उपचार विधियों और इन समस्याओं से बचने के लिए उपाय पर विचार रखे गये। हृदय की गति असामान्य होने के कारण और इस स्थिति में स्ट्रोक में बचाव के उपाय,  स्ट्रोक के उपचार में एट्ररियल फिब्ररीलेषन का उपयोग पर वार्ता के साथ विषेषज्ञों ने अन्य नवीन तकनीकों पर प्रकाष डाला ।

प्रसिद्ध हृदय रोग विषेषज्ञ डाॅ. आर. आर. कासलीवाल ने पिछले वर्षों में बड़ी हृदय रोग की समस्या पर विचार रखते हुए कहा कि इसके लिए काफी हद तक हमारी आधुनिक जीवनशैली भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अगर साधारण व स्वस्थ जीवनषैली को अपनाया जाए तो बीमारियों से बचा जा सकता है साथ समय – समय पर डाॅक्टर से कन्सल्ट करके जांचें भी करवानी चाहिए ।

डाॅ. कपिल कुमावत, और खुश कुमार भगत ने भी हृदय रोगों और उनके उपचार में नवीन तकनीकों के उपयोग पर अपने अनुभव व विचार साझा  किये।  

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