उपकार मसाले के मालिकाना हक़ को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां: कुतबुद्दीन कानोड़ वाला

 उपकार मसाले के मालिकाना हक़ को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां: कुतबुद्दीन कानोड़ वाला

उपकार मसाले के मालिकाना हक़ को लेकर एक ही परिवार के दो भाईयों में चल रहे क़ानूनी टकराव के चलते आज जेड.ए कानोड वाला फर्म के प्रोप्राइटर कुतबुद्दीन कानोड़ वाला ने शहर में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जिसमे उन्होंने अपने भाई जाकिर हुसैन कानोडवाला द्वारा उनके विरूद्ध कोर्ट के आदेश के सम्बन्ध में गलत व्याख्या कर आमजन को गुमराह एवं भ्रमित करने का प्रयास करना बताया.

उन्होंने बताया कि जाकिर हुसैन द्वारा झूठे तथ्य प्रस्तुत कर शहर के मीडिया में प्रकाशन करवाया गया, कुतबुद्दीन कानोड़ वाला ने बताया कि जाकिर हुसैन सभी को बता रहे है कि न्यायालय द्वारा यह निष्कर्ष दिया कि कुतबुद्दीन कानोडवाला ने 12 वर्ष पहले जाली हस्ताक्षर करवा कर भागीदारी फर्म जेड.ए. कानोडवाला से उसको हटा दिया एवं फर्म अपने नाम करवा ली, यहाँ तक कि उपकार मसाले ट्रेडमार्क का मालिकाना हक भी कोर्ट ने जाकिर हुसैन के पक्ष में कर दिया है, जबकि कोर्ट के आदेश में इस प्रकार का कोई भी निष्कर्ष नहीं दिया गया हैं ।

कुतबुद्दीन कानोड़वाला ने बताया किया कि दोनों द्वारा दायर वाद एवं अस्थाई निषेधाज्ञा के प्रार्थना पत्रों के कोर्ट ने मात्र इस तकनीकी आधार पर अस्वीकार किये हैं कि दोनों ही पक्ष लोगो “ZAK” के पंजीकृत मालिक है । इसके अलावा कोर्ट ने मामले के गुणावगुण पर कोई फैसला नहीं दिया है, लेकिन जाकिर हुसैन द्वारा झूठे एवं मनगढन्त तथ्य बताये गए हैं.

कुतबुद्दीन ने बताया कि जाकिर हुसैन ने यह आरोप लगाया था कि उन्होंने जाली हस्ताक्षर करवा फर्म अपने नाम कर ली है, जबकी कोर्ट में उन्होंने खुद यह स्वीकार किया है कि दस्तावेजो पर उनके खुद के ही हस्ताक्षर है, इससे जाकिर हुसैन द्वारा लगाये झूठे आरोपों का पर्दाफाश होता है.

कुतबुद्दीन ने आरोप लगाया कि स्वयं जाकिर हुसैन एवं उसके पुत्र ने पूर्व भागीदार स्व. अब्बास अली के फर्जी हस्ताक्षर कर एक शपथ पत्र ट्रेड मार्क रजिस्ट्री में पेश किया, जिसका खण्डन कर स्वयं अब्बास अली ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर किया था कि उनके हस्ताक्षर फर्जी है, जबकी भागीदारी फर्म भंग हो चुकी है, और कुतबुद्दीन उस फर्म के एकल स्वामी है.

कुतबुद्दीन कानोड़वाला ने बताया कि वे अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और उपभोक्ताओं में बरसों से भरोसा कायम करते आये है. उपकार मसाले के विश्वास को रत्ती भर कम नहीं होने देंगे.

कुतबुद्दीन का कहना है कि वे कोर्ट के इस आदेश के विरूद्ध जल्द ही उपरी अदालत में अपील करेंगे, ऐसे में जाकिर हुसैन ने एक प्रकार से कोर्ट के आदेशों की गलत विवेचना कर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की है, साथ ही तथ्य छुपाकर भ्रामक जानकारियां देकर खबरे प्रकाशित करवाई.

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