कैसे अध्यापिका सोनल कंठालिया के जज्बे ने बदली सरकारी स्कूलों की तस्वीर

 कैसे अध्यापिका सोनल कंठालिया के जज्बे ने बदली सरकारी स्कूलों की तस्वीर

नीयत साफ हो जिनकी उनके कदमों में जमी होती है, आसमां में उड़ने वालों को कब सितारों की कमी होती है…..। किसी कवि की यह पंक्तियां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केवड़ा खुर्द में कार्यरत शिक्षिका डॉ.सोनल कंठालिया पर चरितार्थ होती हैं।

डॉ कंठालिया विद्यार्थियों के शैक्षणिक, सामाजिक उन्नयन के साथ-साथ विद्यालयों के भौतिक विकास को लेकर नवाचारों की पर्याय बन चुकी हैं। आपके जज्बे के कारण आज जिले के जनजाति अंचल के कई सरकारी विद्यालयों की तस्वीर ही बदल गई और आज ये स्कूल किसी निजी विद्यालय की भांति चमचमाते रंगीन फर्नीचर और आकर्षक ट्रेक सूट पहने खिलाड़ियों के कारण चहचहाते नज़र आ रहे हैं।  

डॉ. कंठालिया एक तरफ जहां वह विद्यार्थियों और शिक्षकों की क्षमतावर्द्धन को लेकर समय-समय पर तैयार होने वाले विभागीय प्रकाशनों के संपादन और लेखन कार्यों में सतत जुड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर स्कूल में बच्चों को भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भामाशाह प्रेरक के रूप में भी अच्छी साख स्थापित कर चुकी हैं।

उनके निस्वार्थ भाव से किए गए बहुआयामी योगदान को लेकर हाल ही नवगठित सलूम्बर जिले के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में जिला प्रशासन की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया गया है।

उदयपुर शहर के सेक्टर 11 क्षेत्र की निवासी डॉ कंठालिया 14 सितंबर 2012 को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अमरपुर गिर्वा में अध्यापिका लेवल-2 अंग्रेजी के पद पर नियुक्त हुई। बाद में विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत 22 फरवरी 2018 से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केवड़ा खुर्द में सेवाएं दे रही हैं। अपने सेवा काल में उन्होंने उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम दिए।

सरकारी स्कूल की बदली फिजां

डॉ.सोनल कंठालिया अपने पदस्थापन वाले दोनों विद्यालयों सहित पीईईओ क्षेत्र में शामिल सभी विद्यालयों के लिए 10 लाख रूपए से अधिक की सामग्री भामाशाहों को प्रेरित करके दिलवा चुकी हैं। उन्होंने शहर के एक निजी विद्यालय से अतिरिक्त रंगीन फर्नीचर और ट्रेक सूट को खरीद कर ग्रामीण अंचल के कई सरकारी स्कूलों को निःशुल्क उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही उन्होंने टेबल कुर्सी, बेंच, माइक सेट, अलमारी, कप्यूटर टेबल आदि भी कई विद्यालयों को भेंट करवाया है। इतना ही नहीं केवड़ा खुर्द ग्राम पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए फर्नीचर, स्वेटर आदि की भी व्यवस्था कराई। साथ ही राष्ट्रीय कार्यक्रम पल्स पोलियो अभियान के अतिरिक्त चरण में पोलियो खुराक के लिए माताओं को प्रोत्साहित कर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र की टीम को सहयोग प्रदान किया।

शैक्षणिक उन्नयन में कलम से योगदान :

अंग्रेजी विषय में पीएचडी डॉ.सोनल कंठालिया लेखन कार्य से भी जुड़ी हुई हैं। विद्यालयों में नवाचार से लेकर बच्चों के लिए शैक्षिक सामग्री तैयार करने से जुड़े विभिन्न विभागीय प्रकाशनों में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। विद्यार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण का भी परिचय

डॉ कंठालिया विद्यार्थियों के प्रति अपने मधुर व्यवहार के चलते विद्यार्थियों की पसंदीदा शिक्षिका भी हैं। जरूरतमंद विद्यार्थियों को समय-समय पर स्वेटर, उत्तर पुस्तिकाएं टेबल बुक, डिक्शनरी, ट्रैकसूट, टी शर्ट, केप, स्कूल बैग आदि उपलब्ध करवाएं। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केवड़ा खुर्द के कक्षा आठवीं के विशेष आवश्यकता वाले छात्र भूपेश मीणा को एवं उसके पिता को प्रोत्साहित कर आर्टिफिशियल लेग लगवाने में भी सहायता की।

काम को मिला सम्मान

शिक्षण के नियमित कार्य के अतिरिक्त विद्यालयों के शैक्षिक एवं भौतिक उन्नयन के लिए किए गए प्रयासों को लेकर डॉ कंठालिया को गत वर्ष ब्लॉक स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त शैक्षिक, सह शैक्षिक एवं सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मौलिक संस्थान एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मेला 2023 में मौलिक शिक्षक गौरव सम्मान से नवाजा गया।

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