जब उदयपुर पुलिस ने साइबर ठगों को याद दिला दी नानी, ठगे गए 9.50 लाख रूपये फिर से करवा दिए रिफंड
उदयपुर की सवीना थाना पुलिस ने ऑनलाइन ठगी को विफल कर ठगों द्वारा धोखे से लिए 9,50,000 रूपये रिकवर करवा पीड़ित को रिफंड करवा दिए.
जानकारी के अनुसार सेक्टर 14 निवासी पवन कुमार बोहरा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उन्होंने गूगल द्वारा एस बी आई की योनो बैंक एप का हेल्पलाइन नम्बर सर्च किया, जो नम्बर मिला उस पर कॉल किया तो संदिग्ध ने बैंककर्मी बन बात की और एक एप डाउनलोड करवा दी. जिसके बाद पीड़ित के अकाउंट का कंट्रोल संदिग्ध साइबर ठग के पास चला गया जिसके बाद पवन कुमार के बैंक अकाउंट में से 9,50,000 रूपये अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये.
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एसपी मनोज चौधरी के निर्देश पर अनन्त कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर व जरनैल सिंह पुलिस उप अधीक्षक, नगर पूर्व के सुपरविजन में रविन्द्र चारण थानाधिकारी सवीना मय टीम द्वारा सम्बन्धित कम्पनियों से तत्काल पत्राचार/ईमेल तथा व्यक्तिशः सम्पर्क कर सूचना का आदान प्रदान किया।
जानकारी मिली कि ठग ने ठगी की राशि तीन अलग-अलग प्राईवेट बैंकों में एफडी कर दी तथा शेष राशि के शेयर खरीद लिये। उक्त सभी ट्रांजेक्शन “भारतपे” नामक एप के माध्यम से किये थे। ठग राशि को आगे से आगे अलग-अलग बैंक के खातों में डालता रहा जिससे पुलिस को पता नहीं लग सके।
सवीना थाने की टीम ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए करीब 25 कम्पनियों की साईटें खंगाल कर भारतपे से पत्राचार/सम्पर्क किया तथा रात्रि को करीब 2 बजे कम्पनी द्वारा उक्त राशि को होल्ड किये जाने का मैसेज प्राप्त हुआ। जिसके बाद कल दिनांक 13.01.2022 को परिवादी पवन कुमार बोहरा के खाते में ठगी गयी पूरी राशि 9,50,000 रूपये प्राप्त हो गये।
पूर्व में भी इस टीम द्वारा सवीना थाने पर दर्ज साईबर ठगों द्वारा ठगे गये विभिन्न मामलों में 13,52,307 रूपये की राशि रिकवर करवाई जा चुकी है। अब तक पुलिस थाना सवीना पर दर्ज मामलों में कुल करीब 25 लाख रूपये रिकवर करवाये जाकर पीडितों को दिलवाये जा चुके है।
टीमः-हेड कांस्टेबल सुनील बिश्नोई, कांस्टेबल राजकुमार जाखड व लालूराम ।
विशेष योगदानः- हेड कांस्टेबल सुनील बिश्नोई एवं कांस्टेबल राजकुमार जाखड ।
फ्रॉडिंग के तरीकेः-
01. आजकल गूगल या दूसरी जगह किसी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी या किसी सामान की खरीदारी या अन्य कोई जानकारी के लिए सर्च करते हैं तो फर्जी नंबर और फर्जी वेबसाइट खुल जाती है और प्रार्थी द्वारा उसमें डिटेल भरने पर ठगी हो जाती है।
02. ऑनलाइन पेमेंट के दौरान frauder लोगों को रिक्वेस्ट भेजता है और व्यक्ति रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता है तो प्रार्थी के अकाउंट से ही पैसे कट जाते हैं जबकि frauder लोगों को कहता है कि मैं आपके अकाउंट में पैसा डाल रहा हूं इसलिए कभी ऑनलाइन पेमेंट के दौरान रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें।
03. फ्रोडर द्वारा बैंक का कर्मचारी बन कर बात करना तथा आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर लेना तथा ठगी करना।
04. ओटीपी पिन की जरूरत केवल पैसे भेजने के लिए होती है फ्रॉड करने वाला व्यक्ति बोलता है कि ओटीपी भेजने पर आपके पास पैसे आ जाएंगे। लेकिन ओटीपी पिन बताने से आपकेे पैसे चले जाएंगे।
05. फ्रोड करने वाले लोग एसबीआई बैंक के योनों एप में केवाईसी अपडेट करने के लिये लिंक भेजते है, जिससे डाटा ठगों तक पहुंच जाता है और आपके अकाउण्ट से राशि निकाल ली जाती है।
06. आजकल गूगल पर भी कई कम्पनियों के फर्जी टोल फ्री नम्बर तथा फर्जी वेबसाईट बनाकर साईबर ठगों द्वारा डाली जाती है। जिस पर सम्पर्क करने पर आपके साथ ठगी हो सकती है।
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Well done Team Savina thana ….
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