सीसीआरटी द्वारा अनुस्थापन पाठ्यक्रम पर हुई ऑनलाइन कार्यशाला
20 से 31 दिसंबर,2021 तक सीसीआरटी क्षेत्रीय केंद्र, उदयपुर द्वारा वर्चुअल मोड में ‘अनुस्थापन (बुनियादी) पाठ्यक्रम पर एक ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई है। यह माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को शिक्षित करने के लिए छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, और पश्चिम बंगाल के 07 राज्यों से लगभग 65 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।
सीसीआरटी देश भर में सेवारत शिक्षकों, शिक्षक शिक्षकों के लिए कार्यशालाओं के रूप में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य शिक्षा को संस्कृति से जोड़ना और प्रतिभागियों और प्रशिक्षु छात्र समुदायों को भारत की बहुलवादी सांस्कृतिक विरासत के प्रति संवेदनशील बनाना है। साथ ही एक भारतीय परम्परा में भारतीय कला एवं संस्कृति को शिक्षण के दौरान शिक्षा में किस प्रकार समन्वित किया जाए कि वह छात्रों के लिए उपयोगी हो सके । किसी भी देश कि उन्नति और स्वाभिमान के लिए नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति, परम्पराओं और इतिहास का ज्ञान होना आवश्यक है ।
सभी 12 दिनों में, 20 विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया गया । इस कार्यशाला ने यह भी साबित किया कि सभी विभिन्न क्षेत्र और भाषाएं संचार और कला के प्रभावी माध्यमों के साथ एकत्र हो एक मंच बन गई है । यह निश्चित रूप से शिक्षकों को प्रेरित करेगा और वे इन कौशलों का उपयोग छात्रों की योग्यता, रचनात्मकता और ज्ञान को बढ़ाने के लिए करेंगे।
प्रसिद्ध कलाकार विलास जानवे, मनीष शर्मा, दीपक दीक्षित, डॉ. लईक हुसैन द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया । पी. सी. जैन द्वारा मूल्य शिक्षा – समकालीन भारत में मूल्यों की प्रासंगिकता पर एवं श्री सुरेश पालीवाल द्वारा स्वास्थ्य, ध्यान और तनाव से राहत के लिए योग पर व्याख्यान दिया गया ।
कत्थक पर प्रसिद्ध नृत्यकार प. राजेंद्र गंगानी द्वारा व्याख्यान एवं नृत्य प्रस्तुतिकरण किया गया ।
कार्यशाला में प्रसिद्ध संगीतकार डॉ भूमिका द्विवेदी द्वारा 06 भाषाओं में गायन कर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। लक्ष्मी लाल बैरागी एवं जे.पी. शकद्वीपीय द्वारा राजभाषा नीति एवं हिन्दी साहित्य तथा सलोनी प्रिया द्वारा लेंगिक समानता एवं संवेदनशीलता पर भी व्याख्यान दिये गए ।
कार्यशाला का संचालन सीसीआरटी उदयपुर के परामर्शक दिनेश कोठारी ने किया ।