एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी करने वाला बैंक का कर्मचारी और सहयोगी गिरफ्तार

 एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी करने वाला बैंक का कर्मचारी और सहयोगी गिरफ्तार

उदयपुर के सेक्टर 4 स्थित पीएनबी बैंक के एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी के मामले में पुलिस ने बैंक के एक चतुर्थ श्रेणी स्टाफ और उसके साथी को गिरफ्तार किया है.

मुख्य अभियुक्त अमित कश्यप, निवासी टीम्बरवाडा, धानमंडी, बैंक के सीनियर स्टाफ के साथ एटीएम में नकदी डालने में सहायता करता था, उसी का फायदा उठा कर उसने एटीएम की चाबी, पासवर्ड आदि अन्य गोपनीय जानकारी जुटा वारदात को अंजाम दिया.

इस चोरी में अमित ने अपने साथी मोहम्मद युसूफ कुरैशी निवासी कुंजरवाड़ी को शामिल किया, दोनों के कब्ज़े से रु.10,50,100/- बरामद हुए है.

बैंक मेनेजर द्वारा दी गयी रिपोर्ट के बाद पुलिस अनुसन्धान में एटीएम में लगे कैमरे में दो लोग दिखे, मामले की गंभीरता को देखते हुए एस पी कैलाश चन्द्र बिश्नोई के निर्देश अनुसार थाना अधिकारी हनवंत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में टीम का घठन किया गया.

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एटीएम मशीन की चाबी घायब कर गुमराह करता रहा अभियुक्त

पुलिस ने बताया कि, बैंक में नकदी डालने का काम मुख्य तौर पर बैंक मेनेजर, सेकंड मेनेजर का होता है जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मदद से उक्त कार्य करते है, एटीएम का पासवर्ड बैंक के मेनेजर, सेकंड मेनेजर, हैड केशियर एवं क्लर्क की जानकारी में था और एटीएम की तीन चाबियाँ थी, जिसमे एक चाबी गुम होगई, एक चाबी बैंक में है और एक चाबी अभियुक्त अमित कश्यप ने बदनीयती से अपने पास रख ली तथा बैंक अधिकारियो को उक्त चाबी भी घायब होना बता भ्रमित किया. बाद में उसी चाबी द्वारा वारदात को अंजाम दिया.

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2018 से 2020 के बीच चुरा लिए 14.50 लाख रूपये

अभियुक्त अमित से पूछताछ में पता चला कि वह कई बार एटीएम से पैसो की हेरा फेरी कर चुका है, उसने सबसे पहले नवम्बर 2018 को एटीएम से 50,000रूपये चुराए, वह सभी वारदात दोपहर 3 से 4.30 के बीच करता क्यूंकि दोपहर 2-3 के बीच बैंक अधिकारियो द्वारा एटीएम में पैसा डाला जाता.

अंतिम बार अमित ने नवम्बर 2020 को 1.5 लाख रूपये निकाले, इस तरह 14.50 लाख रूपये उसने पहले चुराए. पुलिस को मुखबिर से मिली जानकारी के अनुसार अमित क्रिकेट में सट्टे लगता एवं कुछ और संदिग्ध गतिविधयों में भी लिप्त था. _____

शातिर इतना की पैसा घायब होने के बाद भनक भी नहीं लगती

अमित इतना शातिर है कि जिस दिन एटीएम में पैसे डालने होते वह उसी दिन बैंक से पैसे निकाल कर एटीएम में डाल देता था ताकि बैंक कर्मचारियों को एटीएम में पैसा डालते समय पैसो का हिसाब मिलाने पर पैसे कम होने के बारे में पता नहीं चले, तथा अधिकारियो द्वारा पैसा भरने के बाद अमित फिर एटीएम से पैसे निकाल कर बैंक में रख देता.

इस तरह करीब 14.50 लाख रूपये जितनी बड़ी रकम चुराने के बाद पकड़ में आने के डर से उसने उक्त वारदात की साजिश रची, इस बार उसने अपने पडोसी और मित्र मोहम्मद युसूफ को मिलाया, युसूफ पहले से क़र्ज़ में था, किराये का ऑटो चलाता था, वह खुद का ऑटो खरीदना चाहता था और अपनी बीमार पत्नी का ईलाज करवाना चाहता था.

लालच में आकर अमित के साथ मिल वारदात को अंजाम दिया.

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खुद एटीएम मशीन ख़राब की

वारदात करने से ठीक पहले 27 नवम्बर को अमित ने एटीएम में नकदी डालते समय एटीएम मशीन से ट्रे में पैसा उठाने वाले बेल्ट को ख़राब कर दिया तथा अगले तीन दिन बैंक में अवकाश होने के कारण इंजिनियर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में वारदात करने की साजिश रची परन्तु बैंक द्वारा इंजिनियर बुलाने पर एटीएम सही कर दिया गया.

फिर दिनांक 30.11.20 को सुबह करीब 8 बजे अमित और युसूफ ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया.

अमित के घर से 8,10,100 रूपये तथा, युसूफ के घर से 2,40,000 रूपये बरामद हुए.

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इ सरवाईलेंस सिस्टम नहीं बजा, इसलिए शक हुआ

पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, एटीएम में इ सरवाईलेंस लगा होता है जिससे एटीएम में गलत पासवर्ड या मशीन से छेड़छाड़ करने पर बैंक के मुंबई स्थित मुख्यालय में सायरन बज जाता है, इस वारदात में जब इ सरवाईलेंस नहीं बजा तभी किसी स्टाफ के शामिल होना का शक हुआ.

हिरणमगरी थाना के कांस्टेबल उपेन्द्र सिंह की इस वारदात के खुलासे में मुख्य भूमिका रही.

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