सीपीए सम्मेलन में विचारों को साझा कर एक दूसरे के अनुभवों से सीखेंगे, लोकतंत्र मजबूत करेंगे : जोशी

 सीपीए सम्मेलन में विचारों को साझा कर एक दूसरे के अनुभवों से सीखेंगे, लोकतंत्र मजबूत करेंगे : जोशी

उदयपुर. 9वें सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी.पी. जोशी ने होटल ताज अरावली में रविवार शाम प्रेस वार्ता को संबोधित कर कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ द्वारा विश्वभर में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला और वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ द्वारा निरंतर लोकतंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना 1911 में हुई थी एवं 1948 में इसका वर्तमान स्वरूप अस्तित्व में आया। वर्तमान में 180 से अधिक विधान मण्डल इसके सदस्य हैं और भौगोलिक दृष्टि से यह 9 अलग-अलग क्षेत्रों में बंटा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का भी राजस्थान राज्य से होना हम सभी के लिए गर्व की बात है। डॉ जोशी ने कहा कि राजस्थान को इस सम्मेलन की मेजबानी करने का अवसर प्रथम बार मिला है। 

डॉ जोशी ने कहा कि 9वें सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन 21 अगस्त से 22 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल दो सत्र होंगे। प्रथम सत्र में डिजिटल सशक्तिकरण, गुड गवर्नेंस की दिशा में जनप्रतिनिधियों के कौशल को और अधिक बेहतर बनाने और वर्तमान युग की चुनौतियों में जनप्रतिनिधित्व जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसी प्रकार दूसरे सत्र में लोकतान्त्रिक संस्थाओं के माध्यम से देश को मजबूत करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर चर्चा होगी। 

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह सहित कई गणमान्य उदयपुर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन में 17 विधानसभा अध्यक्ष, 13 विधानसभा उपाध्यक्ष, 3 विधानपरिषद सभापति और 5 विधानपरिषद उपसभापति आ चुके हैं। कुल डेलीगेट्स की संख्या 46 है। इस दौरान राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के मुख्यालय लंदन से अध्यक्ष एवं सचिव भी उदयपुर पहुंच गए हैं।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा ने गत पाँच वर्षों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इन वर्षों में 11 सेमीनार आयोजित किए गए जिनमें राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया। डॉ जोशी ने कहा कि अब हमारा लोकतंत्र 75 वर्ष से अधिक पुराना हो चुका है, निरंतर इसमें सुधार आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कानून निर्माण में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है, विधायिका आमजन के प्रति सीधे जवाबदेह है, ऐसे में हमारा दायित्व है कि निरंतर ऐसे कानूनों का निर्माण हो जिससे देश आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभा में गुणवत्तापूर्ण चर्चाएं जरूरी है।

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