स्वच्छ भारत सर्वेक्षण : उदयपुर के लिए करे वोट


स्वच्छ भारत सर्वेक्षण 2022 के तहत उदयपुर नगर निगम ने अपनी मोबाइल एप के ज़रिये नागरिको से स्वच्छता रैंकिंग सर्वे में भाग लेने की अपील की है. सर्वे में भाग लेने वाले हर नागरिक को “सजग नागरिक सम्मान” का डिजिटल प्रमाण पत्र मिलेगा.
महापौर गोविन्द टाक ने सर्वे का उद्घाटन करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में उदयपुर को दूसरे शहरों से बेह्टर वोटिंग के लिए सर्वे में भाग लेकर आप अपना योगदान दे सकते है.
वोट करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से ‘Udaipur Nagar Nigam’ ऐप्प डाउनलोड कर ‘Rate Us’ पर क्लिक कर स्टेप 1 में सर्वे पर क्लिक कर सर्वे पूरा करना होगा। उसके बाद ऐप्प के ‘Rate Us’ मीनू के स्टेप 2 में जाकर आप अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है।
सर्वे की अंतिम तिथि 15 अप्रैल 2022 है.
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हर गली मोहल्ले में और सार्वजनिक मुख्य मार्ग पर लोगों द्वारा अपने चौपहिया वाहन बेतरतीब पार्किंग किये जा रहे और प्रशासन मौन होने से यह गतिविधि महामारी का रुप ले रही है जबकि करोड़ों रूपयों से निर्मित निगम की पार्किंग ख़ाली पड़ी है तो निगम तथा ट्रॉफिक पुलिस जिनके पास पार्किंग नहीं है और चौपहिया वाहन के मालिक हैं उन्हें अपने नज़दीकी निगम की पार्किंग में मासिक शुल्क जमा करा वाहन को खड़ा करने के लिये पाबन्द करे और लावारिस वाहनों को ज़ब्त कर सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करे।जिसके घर में पार्किंग नहीं है तो सड़क उसके पिताजी की नहीं है, निगम की आमदनी और पार्किंग बनाने का उद्देश्य भी पूरा होगा। इसी तरह आवारा कुत्तों पर भी निगम अभियान चला कर गली मोहल्ले की जनता को राहत दिलावे।शहर में सफ़ाई व्यवस्था यदि रात्रि में अथवा अल सुबह जनता के नींद से जागने के पूर्व किये जाने की व्यवस्था हो तो प्रात काल में सूर्योदय के वक्त आमजन को सुन्दर साफ़ सुथरा शहर मिले तो कितना सुकून होगा। आज हालात यह है कि गली गली सफ़ाई कर्मी अपनी मर्ज़ी और सुविधा से पहूँचते हैं क्योंकि जमादार से उनकी सेटींग होती है। नियंत्रण कर्ता में ही नैतिकता नहीं है तो नीचे वाले से उम्मीद कैसे की जा सकती है? सफ़ाई कर्मी का हर तीसरे माह फ़िज़िकल फ़िटनेस परीक्षण होना चाहिये। मोटा पेट और भारी शरीर को होते सड़क पर शारीरिक श्रम के जरीये सफ़ाई कैसे संभव है? आज तक किसी भी निगम के आला अधिकारी या नेता ने कभी इस बारे में विचार नहीं किया है।
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