बुढ़ापे का सहारा छिना….भामाशाहो ने फिर से देदी ख़ुशी
पहले पति और फिर जवान बेटे की मौत ने अकेला और बेसहारा करके छोड़ दिया था फिर प्रकृति से एक और विपदा आन पड़ी जब भरण पोषण करने वाली एक मात्र गो माता भी बेमौसम बारिश के चलते करंट लगने से चल बसी, उदयपुर के बेदला गाँव की गंगा देवी पर यकायक दुखो का पहाड़ टूट पड़ा.
उनकी मार्मिक स्थिति क्षेत्र के उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ को पता चली तो उन्होंने गंगा देवी की सहायता की मुहीम शुरू कर दी, फिर क्या था राठौड़ की नेक नियति से उन्हें नेक भामाशाह भी मिल गए और गंगा देवी को एक गाय मिल गयी.
पिछले दिनों मावठ की कारण मौसम ख़राब हुआ था, तभी करंट लगने से बेदला गाँव निवासी गंगा देवी डांगी की एक मात्र गाय मर गयी थी. उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ की कोशिशो से यह कहानी मीडिया में प्रकाशित हुई तो सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ जयंत शर्मा और उनके बेटे निशांत शर्मा आगे आये.
उन्होंने एक किसान से गाय खरीद गंगा देवी को सौंप दी.बुढ़ापे के एक मात्र सहारा छिनने के बाद फिर से मिली इस ख़ुशी ने गंगा देवी की आँखे छलका दी…प्रताप सिंह, जयंत शर्मा और निशांत शर्मा जैसे लोग गंगा देवी के लिए किसी फरिश्तो से कम नहीं.
इन्ही घटनाओं से विश्वास हो जाता है कि इंसानियत आज भी जिंदा है