महिला सशक्तिकरण से परिवार सशक्तिकरण सेमिनार
इनरव्हील क्लब, उदयपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अंतर्गत महाप्रज्ञ विहार में महिला सशक्तिकरण पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
अध्यक्षा श्रीमती रश्मि पगारिया ने कहा कि जिस परिवार की नारी सशक्त और सुशिक्षित होगी तो वह परिवार और समाज सामर्थ्यवान होगा। इनरव्हील क्लब की महिलाएं हमेशा ही सामाजिक सरोकार संबंधी कार्यों को करने में अग्रणी रहती है तथा सर्वसाधारण को जागरूक करने के कार्य को करने में तत्पर रहती है।
आशा कुनावत ने कहा, महिला समाज के आधार है घर परिवार और देश की शान है। अमिता सिंघवी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा पुराने समय से नारी सशक्त रही है और रहेगी लड़कियों को बचपन से सशक्त बनने का संस्कार दें।
पीडीसी चंद्रप्रभा मोदी ने कहा कि नारी स्वयं को सहनशील और सहिष्णु बनाने के साथ घर और बाहर में सौहार्द्ध का वातावरण तैयार करते हुए परिवार की धुरी स्वयं को बनाए रखें।
डॉ.सीमा चंपावत ने कहा कि अपनी बात रखते हुए कहा कि नारी स्वतंत्र बने सशक्त बने लेकिन स्वच्छंद बिल्कुल ना बनें। इस कहावत को झूठलाना होगा कि नारी ही नारी की सबसे बड़ी दुश्मन है नारी एक दूसरे की सहायक बन समाज और देश को सशक्त बनाने में अपना पूर्ण योगदान दें।
वीणा सिंघवी ने कहा कोई भी राष्ट्र तभी तरक्की की राह पर चल सकता है जब महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलें।
बेला जैन ने कहा कि कोई भी देश तब तक तरक्की की राह पर नहीं चल सकता जब तक महिलाएं जागरूक, विकसित और सशक्त नहीं होंगी।
मधु सूद ने इस परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा आज के परिवारों में बढ़ते तलाक के मामलों की जिम्मेदारी कहीं ना कहीं एक महिला की ही है एक मां अपनी बेटी में उस संस्कार का बीज बोए जिससे परिवार संगठित रहें जीवन भर के लिए।
मंजू बोर्दिया ने इस परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समाज के उस तबके पर भी ध्यान देना होगा जहां महिलाएं आज भी दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा, अशिक्षा जैसी चीजों से पीड़ित है।
अंजू माहेश्वरी ने सभी की बात को सही और आज की आवश्यकता बताते हुए कहा कि हर नारी स्वयं को एक जिम्मेदार नागरिक बनाएं ताकि परिवार की नींव मजबूत बने और इस मजबूत नींव पर सशक्त राष्ट्र खड़ा हो सकंे।