पूर्व शिक्षिका ने स्कूल पर अपने हक के पैसे नहीं देने का लगाया आरोप

 पूर्व शिक्षिका ने स्कूल पर अपने हक के पैसे नहीं देने का लगाया आरोप

उदयपुर के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की पूर्व सीनियर आध्यापिका प्रमीला बहल ने स्कूल प्रबंधन पर अपनी ग्रेज्युटी एवं अन्य देय राशि 4,38,900 रूपये नहीं देने का आरोप लगाया है. अध्यापिका ने आरोप लगाया है कि जिला कलक्टर द्वारा विभागीय जांच के बाद संयुक्त निदेशक (स्कूल शिक्षा) से आदेश होने के बावजूद भी स्कूल उन्हें उनके हक़ का पैसा देने में आनाकानी कर रहा है.   

जानकारी के अनुसार प्रमीला बहल ने राजस्थान संपर्क पोर्टल के माध्यम से परिवाद दायर कर जांच की मांग की थी, जिस पर पहले प्रधानाचार्य द्वारा जांच की गई जिससे असंतुष्टि बता पुनह जिला कलक्टर द्वारा घठित जांच दल ने मामले का अनुसंधान कर रिपोर्ट पेश की जिसपर संयुक्त निदेशक (स्कूल शिक्षा ) द्वारा दिल्ली पब्लिक स्कूल को प्रमीला बहल को 4,38,900 दे मामले का निस्तारण करने का आदेश जारी किया.

जिसमे ग्रेज्युटी राशी 287100, उपार्जित अवकाश नकदीकरण की  राशी 47858.16 एवं आउटस्टैंडिंग अमाउंट (कोरोना काल में वेतन की राशि अन्य कार्मिको को देय होने की स्थिति में) 1,03,942 कुल 4,38,900 रु होता है.

प्रमीला बहल डीपीएस में 2007 से हिन्दी की शिक्षका थी एवं स्कूल कोर समिति में भी शामिल थी. उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्कूल के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम भी किया परन्तु कोरोना काल में खुद पॉजिटिव होने और कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्हें पोस्ट कोविड इशू हुए साथ ही कैंसर से भी झुझी.

प्रमीला बहल ने बताया कि स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं के चलते हुए भी वे अपनी नौकरी पूरी मेहनत एवं ईमानदारी से कर रही थी. पर स्कूल प्रबंधन और अध्यापिका के बीच मतभेद तब हुए जब स्कूल ने प्रमीला बहल की पौती जो की स्कूल में युकेजी में पढ़ती थी की पूरी फीस मांगी जबकि अध्यापिका ने बताया कि उन्हें 50% फीस में रिबेट मिला हुआ था, पर अचानक स्कूल ने पूरे पैसे मांगने शुरू कर दिए और पिछले तीन वर्षो के भी बकाया जमा करवाने का दबाव बनाने लगे.

हालाँकि जांच रिपोर्ट में यह सामने आया है कि स्कूल और अध्यापिका के आपसी सामंजस्य के तहत फीस में छूट मिली थी, क्यूंकि स्कूल सिर्फ अध्यापक/स्टाफ के पुत्र एवं पुत्री को ही फीस में छुट देते है.

प्रमीला बहल ने आरोप लगाया कि कभी फीस, तो कभी किसी और तरीके से स्कूल प्रबंधन ने उन पर दबाव बना इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया. तब से वह अपने हक के बकाया पैसो के लिए लड़ रही है. प्रशासनिक आदेशो के बावजूद स्कूल प्रमीला बहल को पैसे देने में आनाकानी कर रहा है.

इस मामले में Udaipurwale.com का स्कूल प्रबंधन से संपर्क नहीं हो सका.

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2 Comments

  • The Principal of Delhi Public School Udaipur cheated me as well. I served my services in DPS approx 8 years as a French Language Teacher . When I left I surrendered 3 months salary and at that time dps authority assured me to pay my all such incentives to my bank account but after my departure they did not give response and when I tried to contact with Principal [Mr. Sanjay Narvaria] , he stopped picking my call.
    They are cheaters. I sent several mails but they do not reply even my Mother died of cancer and at the same time I called to Govind Agarwal Ji too but he also did not shaw his interest. Finally due to money problem I lost my Mother.

  • I m also sailing in the same boat. Same DPS Udaipur. Worked there for a very long period, still on leaving the school, have still not got clearance of my dues, like gratuity, earned leave and salary deducted during covid time. Have mailed several times but all in vain. If udaipurwale group can help us, it will be a great help. There are several teachers facing this exploitation in DPS Udaipur

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