दिव्यांगों के सेवार्थ विशाल शिविर 14 को

 दिव्यांगों के सेवार्थ विशाल शिविर 14 को
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एवं नारायण सेवा संस्थान की पहल
  • ट्राइसाईकल, व्हील चेयर, वैशाखी, श्रवण यंत्र वितरण के साथ ऑपरेशन एवं कृत्रिम अंग के लिए होगा चयन

उदयपुर, 12 जनवरी। आजादी के अमृत महोत्सव पर उदयपुर जिले के दिव्यांग भाई-बहनों के सहायतार्थ नारायण सेवा संस्थान द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार व दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सौजन्य से 14 जनवरी, शनिवार को विशाल निःशुल्क दिव्यांग ऑपरेशन जांच, चयन, सहायक उपकरण वितरण एवं कृत्रिम अंग माप शिविर नारायण सेवा संस्थान परिसर हिरण मगरी से. 4 में आयोजित होगा।

गुरूवार को मानव मन्दिर हास्पीटल में आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में नारायण सेवा संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी भगवान प्रसाद गौड़ने बताया कि जन्मजात दिव्यांगों और दुर्घटना में हाथ-पैर खो चुके भाई-बहिनों को मदद पहंुचाने के लिए भारत सरकार की एडीप योजना के तहत यह शिविर मकर संक्रान्ति के दिन आयोजित है। इस दिन भारत सरकार द्वारा देशभर में 67 स्थानों पर सामाजिक अधिकारिता शिविरों का आयोजन कर रहा है। जिसमें संस्थान द्वारा इसी श्रृंखला में राजस्थान के जालोर और डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर भी विशाल शिविर आयोजित है।

इस शिविर का प्रमुख उद्देश्य यह है कि दिव्यांगों को सहायता के लिए आवाजाही की तकलीफ नहीं उठानी पड़े। उनके घर-गांव के आस-पास ही जरूरत की सामग्री या चिकित्सा सेवाएं पहुंचाई जाएं।

मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी ने कहा कि दिव्यांगों के शिविर की जानकारी देने के लिए संस्थान विगत 10 दिनों से पेम्पलेट, पोस्टर, होडिंऱ्ग और लाउडस्पीकर के माध्यम से गांव-गांव में प्रचार-प्रसार कर सूचनाएं पहुंचा रहा है। शिविर में सैकड़ो दिव्यांगों के पहुंचने की संभावना है।

मौके पर ही सहायक उपकरण वितरण:-
शिविर स्थल पर संस्थान की डॉक्टर्स टीम जन्मजात, पोलियो व प्रमस्तिष्क घात के रोगियों की जांच करेगी और शल्य चिकित्सा के काबिल दिव्यांगों का चयन किया जाएगा। अन्य रोगियों को मौके पर ही ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, वैशाखी भी दी जाएगी। वृद्धजनों या सुनने की समस्या से ग्रस्तजनों को श्रवण यंत्र दिए जांएगे। इसके अलावा ऑर्थोटिस्ट एवं प्रोस्थेटिक टीम द्वारा दुर्घटना में अंग विहीन हो चुके लोगों के मेजरमेन्ट लेंगी। उन्हें एक माह बाद पुनः फोलोअप शिविर में कृत्रिम हाथ-पैर लगाए जाएंगे।

निःशुल्क भोजन:-
शिविर में लाभ लेने आने वाले दिव्यांगों और उनके परिजनों के लिए अल्पाहार, चाय एवं एक समय के भोजन की निःशुल्क व्यवस्था संस्थान द्वारा उपलब्ध रहेगी। दिव्यांगों की सहायता के लिए संस्थान की 40 सदस्य टीम इस शिविर में सेवाएं देगी।

कमेटियां गठित:-
शिविर संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि शिविर के सफलतापूर्णक संचालन के लिए डॉक्टर्स, भोजन, अल्पाहार, यातायात, बैठक, सुरक्षा, समझाईश, वितरण, चयन, आदि कई कमेटियां गठित की गई है। इस हेतू विभिन्न प्रभारीयों को जिम्मेदारीयां सौपी गई।

शिविर का समय:-
दिव्यांगों जनों के लिए आयोजित यह शिविर 14 जनवरी को प्रातः 8 बजे से सांय 5 बजे तक चलेगा। शिविर का उद्घटन समारोह 11 बजे आयोजित है। शिविर समारोह में उदयपुर के कई गणमान्य नागरिक एवं अतिथि शरीक हांेगे।

अपील:-
संस्थान की ओर से जनसंपर्क अधिकारी भगवान प्रसाद गौड़ ने दिव्यांग जनों से अपील करते हुए कहां कि शिविर में अधिक से अधिक बन्धुजन आएं तथा शिविर सेवाओं का लाभ उठाएं। संस्थान दिव्यांगों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। लाभार्थी गण अपने साथ दिव्यांगता दर्शाते हुए 3 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड,आय प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाणपत्र की फोटो कॉपी सुविधा की दृष्टि से अवश्य लेकर आएं।इस दौरान संस्थान के डॉ मानस रंजन साहू, रोहित तिवारी, बंसीलाल मेघवाल भी मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि 1985 में नारायण सेवा संस्थान की स्थापना हुई। तभी से यह संस्था दिव्यांगजन के शारीरिक, सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास के क्षेत्र में कार्य कर रही है। जहां चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास सहित विभिन्न सेवाएं पूर्णतः निःशुल्क हो रही है। चारों हाथ-पांव से घिसट-घिसट कर जिंदगी जी रहें पूर्व पोलियोग्रस्त और जन्मजात दिव्यांगता के रोगियों की 80-90 सर्जरी प्रतिदिन हो रही है। इस दौरान उन्हें निःशुल्क भोजन और दवाईयां भी दी जाती है। सर्जरी से सकलांग हुए भाई-बहिनों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें स्वर्णिम भविष्य के लिए उन्हें मोबाईल, कम्प्यूटर, सिलाई और मेहंदी का व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर विभिन्न कम्पनीयों व संगठनों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे है।

इतना ही नहीं दिव्यांगों के सपनों को साकार करने के लिए दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह वर्ष में दो बार आयोजित कर उनकी खुशहाल गृहस्थी बसानें का माध्यम भी संस्थान बन रहा है। अब तक 38 सामूहिक विवाह आयोजित कर 2201 जोड़ों की गृहस्थी बसाई जा चुकी है।

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