विद्यापीठ में हुआ सीएमएचओ डॉ. शंकर लाल बामणिया का सम्मान
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ में उदयपुर के सीएमएचओ डॉ. शंकर लाल बामणिया का सम्मान कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने ओपरणा, शाल ओढ़ा व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।
इस अभिनंदन समारोह में बामणिया ने कहा कि गीता के अनुसार कर्म से कौशल की प्राप्ति होती है, उनका जीवन भी ग्रामीण परिवेश से प्रारम्भ होकर फिर कर्म के जरिए ही स्तरीय होता गया। चिकित्सक को सबसे पहले चिकित्सा धर्म की पालना करनी चाहिए।
कोविड का काल अत्यंत चुनौतीपूर्ण था, विशेषतः उदयपुर के लिए तो था ही। यहाँ उदयपुर, उसके आसपास और मध्य प्रदेश तक से रोगी आए और ठीक होकर गए। इस हेतु डॉक्टर्स व नर्सेज़ ने जीतोड़ मेहनत की।
डॉ. बामणिया विद्यापीठ के संगीत विभाग के छात्र भी हैं। उनके द्वारा कोविड़-19 वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने एवं आमजन के बचाव की दिशा में कोरोना काल में किए गए कार्य सराहनीय हैं।
कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी (कोविड-19) मे बिना जान की परवाह किए मानव कल्याण हेतु जो कार्य डॉ. बामणिया ने किए हैं, वे निःसंदेह उत्तम हैं। वे शिक्षा के प्रति भी समर्पित हैं और ऐसे कोरोना योद्धा को अपने सीएमएचओ के रूप में पाकर उदयपुर धन्य हुआ है।
उन्होंने कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ संगीत और एक्स्ट्रा करिक्यूलर गतिविधियों को भी महत्व देना चाहिए, तभी व्यक्ति का सम्पूर्ण विकास संभव है। इस समारोह में परीक्षा नियंत्रक पारस जैन, फिज़ियोथैरेपी के प्राचार्य प्रो. शैलेन्द्र मेहता, होम्योपैथी के डीन प्रो. अमिया गोस्वामी, निदेशक शोध डॉ. तरुण श्रीमाली सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।