तूफ़ान में गिरे पेड़ पर बने बुगलो के घोंसले हुए तबाह, एनिमल एड ने किया 36 पक्षियों का रेस्क्यू

 तूफ़ान में गिरे पेड़ पर बने बुगलो के घोंसले हुए तबाह, एनिमल एड ने किया 36 पक्षियों का रेस्क्यू

मंगलवार शाम उदयपुर में हुई तेज़ अंधड़ और मुसलाधार बारिश में एक बार तो शहर का जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया, कहीं पेड़ गिरने की सूचना तो कही बिजली गुल रही. यहाँ तक की पशु पक्षी में भी इस अचानक आये तूफ़ान से प्रभावित हुए.

ऐसा ही एक मामला मादडी क्षेत्र में हुआ जहाँ पेड़ गिरने से कई बुगलो के घोंसले टूट गए, वही कई नवजात बुगले सड़क पर गिर गए. संवेदनशीलता और मानवता का परिचय देते हुए स्थानीय लोगो एवं एनिमल एड ने करीब 36 बुगलो को रेस्क्यू किया.

एनिमल एड के दीनदयाल गोरा ने बताया कि एनिमल एड हेल्पलाइन पर हीरालाल नामक पशु प्रेमी का कॉल आया जिन्होंने बताया कि वार्ड 41 मुख्य मार्ग लिपि डाटा सिस्टम्स लिमिटेड के यहां तेज बारिश और हवा के कारण पेड़ टूट गया है जिस पर लगभग 150 बूगले (Heron) है.

हीरालाल ने सूचना दी कि पेड़ टूटने के कारण कुछ नवजात बुगले एवं बच्चे नीचे गिर गए हैं, घायल हैं एवं कुछ अंडे नीचे गिर कर फूट गए हैं. सूचना मिलते ही एनिमल एड की सचिव नेहा बनिहाल वह सह संस्थापक क्लेयर अब्राहिम के निर्देशन पर मौके पर रेस्क्यू टीम के मुकेश और गोविंद द्वारा पहुंच कर 36 बूगलो(Heron) के बच्चों का रेस्क्यू किया.

दीनदयाल गोरा ने बताया कि रेस्क्यू किये गए 36 बुगलो में से आधे नवजात हैं जिन को एनिमल एड के टीम हाथो से उन के डाइट के अनुसार खाना खिला रहे हैं और आधे युवा बगुले हैं जिन्को कुछ दिन बाद ठीक होने पर रिलीज किया जायेगा.

मौके पर स्थानीय पार्षद कमलेश मेहता का सहयोग रहा.

जहां पर पेड़ टूटा उस स्थान एनिमल एड के दीनदयाल गोरा के द्वारा लिपि डेटा सिस्टम लिमिटेड के एचआर एडमिन पीपी गंगवाल से आग्रह किया गया कि कंपनी के बाहर जो पेड़ है उसको यथावत रहने दे क्योंकि उसमें 100 से अधिक पक्षी अभी निवास कर रहे हैं जो छोटे बच्चे हैं. एडमिन पीपी गंगवाल द्वारा पूरा आश्वासन दिया गया कि यह पेड़ यथावत यही रहेगा.

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