बिग-बर्ड डे पर उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ में हुई पक्षी गणना

 बिग-बर्ड डे पर उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ में हुई पक्षी गणना

पक्षियों व वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कार्यरत डब्ल्यू. डब्ल्यू. एफ.-इंडिया द्वारा ‘बिग बर्ड डे’ के अवसर पर राजस्थान के चार जिलों के पांच विभिन्न स्थलों पर पक्षी गणना की गई।

डब्ल्यू. डब्ल्यू. एफ.-इंडिया के उदयपुर संभागीय प्रभारी अधिकारी अरुण सोनी ने बताया कि प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले इस ‘बिग बर्ड डे बर्ड काउंट’ के तहत इस वर्ष भी विभिन्न शहरों में पक्षी गणना करते हुए पक्षियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ संकलित की गईं।

विभिन्न स्थानों पर पक्षी गणना के परिणाम:

उदयपुर (जोगी तालाब): पक्षी विशेषज्ञ विनय दवे, शरद अग्रवाल, हितेश श्रीमाल एवं पक्षी प्रेमी दीपल कालरा, मंजरी आर्या, डॉ. तृषा सिंह, विवेक बुलिया एवं टीम के अन्य सदस्यों द्वारा कुल 87 प्रजातियों के पक्षियों की गणना की गई साथ ही 62 पक्षी प्रेमियो ने इसमे भाग लिया ।

राजसमंद (इरिगेशन गार्डन): हिमांशु सिंह, नरेंद्र पालीवाल एवं नारायण सिंह की टीम द्वारा 84 प्रजातियाँ चेकलिस्ट में दर्ज की गईं।

चित्तौड़गढ़:

  1. भूपालसागर: उज्ज्वल दाधीच एवं उनकी टीम द्वारा 32 प्रजातियाँ सूचीबद्ध की गईं।
  2. पक्षी विहार बड़वाई: पुखराज त्रिवेदी, भेरू लाल श्रीमाली, कमल श्रीमाली, नक्षत्रमल अहीर, पुष्कर अहीर, ओमप्रकाश श्रीमाली, नकुल श्रीमाली एवं उनकी टीम द्वारा 47 प्रजातियाँ चिह्नित की गईं।

डूंगरपुर (सागवाड़ा, राजकीय वीर बाला कालीबाई परिसर): पक्षी गणना मुकेश पंवार के नेतृत्व में पंकज स्वर्णकार, वेनिका पंवार, कैलाश रोत, संस्था प्रधान भरत जी पाटीदार एवं 80 से अधिक छात्राओं के सहयोग से की गई एवं उनकी टीम द्वारा 35 प्रजातियाँ दर्ज की गईं।

गणना के दौरान देखी गई प्रमुख पक्षी प्रजातियाँ:

इंपीरियल ईगल, स्टेपी ईगल, इजिप्शियन वल्चर, क्रेस्टेड बेटिंग, ब्लैक रेडस्टार्ट, फिजेंट टेल्ड ज़ेकाना, ब्रॉन्ज विंग ज़ेकाना, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, गार्गने, कॉमन कूट, कॉमन टील, कॉम्ब डक, गढ़वाल, कॉमन स्नाइप, लिटिल रिंग प्लोवर, ब्लैक विंग स्टिल्ट, स्पॉट बिल्ड डक, वाइट थ्रोट, पाइड किंगफिशर, रिवर टर्न, हेरॉन, ओपन बिल स्टोर्क, कॉर्मोरेंट, लेसर व्हिस्टलिंग डक, ग्रे हेडेड स्वैम्प हेन, वाइट नेप्ड टिट, वाइट थ्रोटेड किंगफिशर, कॉपरस्मिथ बारबेट, इंडियन ग्रे हॉर्नबिल, ताइगा फ्लाईकैचर, स्मॉल मिनिवेट आदि कई विदेशी एवं स्वदेशी पक्षियों देखे गए।

इस आयोजन के माध्यम से पक्षी प्रेमियों और विशेषज्ञों को स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के व्यवहार, प्रजातियों की विविधता और उनकी उपस्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुईं। ‘बिग बर्ड डे’ जैसे आयोजनों से पक्षी संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवासों के महत्व को समझने में मदद मिलती है।

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