उदयपुर के 12 वर्षीय बच्चे ने गणित के 150 सूत्र हल कर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स

 उदयपुर के 12 वर्षीय बच्चे ने गणित के 150 सूत्र हल कर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स

उदयपुर। गणित विषय का नाम सुनते ही लोगों के माइंड में कई सारे उलझे हुए सूत्र घूमने लगते हैं, अंकों के जाल से कई बच्चे घबरा जाते हैं, लेकिन उदयपुर के 12 वर्षीय मानस पुरोहित को तो गणित से प्यार है। मानस ने 41 मिनट 24 सैकंड में गणित के 150 सूत्रों को हल कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स बनाया है। शहर के निजी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ रहे मानस ने बहुत कम उम्र से ही गणित के सूत्रों को हल करना शुरू कर दिया था।

मानस का कहना है कि उन्हें यह प्रतिभा उनके पिता शहर के जाने माने गणित के शिक्षक और यूट्यूबर डॉक्टर गजेन्द्र पुरोहित से मिली है। पिता ने बचपन से ही गणित को उनके लिए सरल बना दिया और नंबर उनके लिए किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन का हिस्सा है। मानस कहते हैं कि पिता ने गणित को प्रैक्टिकल करके समझाया तो सब कुछ आसान लगने लगा।

12 साल की उम्र में मानस का आत्मविश्वास इतना है कि वे खुद का यू-ट्यूब चैनल चलाते हैं और अपने उम्र से बड़े बच्चों को सातवीं कक्षा के एनसीईआरटी सिलेबस को पढ़ाते हैं।

मानस के पिता गजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि गणित कठिन नहीं होता है, गणित को सरल बनाया जा सकता है और यह सबकुछ टीचर पर निर्भर करता है। टीचर गणित को प्रेक्टिकल कर समझाए तो बच्चे के लिए गणित सरल हो जाता है। कोई भी बच्चा गणित में खराब नहीं होता, खराब होती है गणित को पढ़ाने का तरीका। गजेन्द्र पुरोहित बताते हैं कि उन्होंने मानस को गणित प्रेक्टिकल करके बताया, तो उसे बहुत कम उम्र में अंक और इनका गणित समझ आने लगा। उसकी स्किल को और बेहतर करने के लिए अबेकस जॉइंन करवाया और उसने अबेकस में आठवें स्तर तक गया हैं।

सोशल मीडिया के जरिए बच्चे को मौका दें
गजेन्द्र पुरोहित बताते हैं कि हमने मानस को उसकी प्रतिभा को बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के गजेट्स दिए हुए हैं। उसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट हैं। सोशल मीडिया पर वह उसके टारगेट पर फोकस रहे, इसलिए हम उसे सोशल मीडिया के फायदे और नुकसान बताते हैं। रियल इंसीडेंट के जरिए हम उसे सही और गलत का अंतर समझाते हैं, ताकि बच्चा सोशल मीडिया के जरिए किसी गलत आदत में न पड़े। उसकी लाइफ में डिसीप्लीन है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर बच्चा क्या देख रहा है, इस बात का हम कुछ सॉफ्टवेयर के जरिए ध्यान रखते हैं।

एशिया बुक ऑफ रिकॉड अगला टारगेट
मानस ने बताया कि उनका अगला टारगेट एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड है। इसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं और गणित को ज्यादा से ज्यादा समय दे रहे हैं। मानस ने बताया गणित को और बेहतर समझने के लिए उनके टीचर ब्रेन कोच प्रवीण पारीक ने भी उनकी काफी मदद की है और आगे भी वे उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। वहीं उनकी मां स्वर्णा पुरोहित उनके प्रबंधन को संभालती हैं, जिससे वे हर काम को बेहतर ढंग से कर पाते हैं।

मानस बताते हैं कि ंउनके पिता ही उनके रोल मॉडल हैं। मानस के पिता गजेन्द्र पुरोहित खुद शहर के बड़े कॉलेजों में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उनकी गणित विषय पर किताबें भी पब्लिश हो चुकी हैं।

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