इंजिनीयरिंग डे पर विद्या भवन पॉलिटेक्निक मे हुआ सेमिनार


- स्वच्छ, हरे भरे व समृद्ध उदयपुर के लिए स्मार्ट इंजीनियरिंग विषयक सेमिनार
- इंजीनियरिंग विथ एम्पेथी जरूरी
- उदयपुर मे पत्थर से पेपर बनाने के लिए चिंतन प्रारंभ
15 सितंबर, मार्बल, ग्रेनाइट सहित अन्य पत्थरों के चूरे से कागज का निर्माण किया जा सकता है। उदयपुर ने इस दिशा मे चिंतन प्रारंभ कर दिया हैं। यह विचार नवाचारी उद्यमी एवं विद्या भवन के उपाध्यक्ष दिलीप गलुण्डिया ने इंजीनियर्स डे – अभियंता दिवस पर व्यक्त किये।
विद्या भवन पॉलिटेक्निक मे आयोजित ” स्वच्छ, हरे भरे व समृद्ध उदयपुर के लिए स्मार्ट इंजीनियरिंग” विषयक सेमिनार मे गलुण्डिया ने कहा कि पत्थर से पेपर निर्माण की तकनीकी व प्रक्रिया पर विश्व मे सफल प्रयोग हुएं हैं जो महँगे हैं। लेकिन, उदयपुर स्थानीय रूप से उपलब्ध तकनीकी ज्ञान व हुनर के माध्यम से उपयुक्त व सहनीय लागत मे इस कार्य को करने की दिशा मे कदम बढ़ा रहा है। यह “स्मार्ट इंजीनियरिंग ” का एक अनूठा उदाहरण साबित हो सकता है।
सेमिनार का आयोजन पॉलिटेक्निक पूर्व विद्यार्थी संस्था, इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स स्टूडेंट चेप्टर, आई एस टी इ चेप्टर के तत्वावधान मे हुआ।


सेमिनार मे प्रसिद्ध आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा ने कहा कि स्मार्ट इंजीनियरिंग के लिए जरूरी है कि इंजीनियरिंग मे एम्पेथी भी हो। उदयपुर तभी स्मार्ट बनेगा जब हम विकास व निर्माण की योजनाओं मे पेडों, पक्षियों, पानी सहित प्रकृति के प्रति स्नेह व करुणा का भाव रखेंगे।
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के पूर्व अधिकारी नवीन व्यास ने कहा कि नवीन तकनीकों व ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।
हरीश माथुर ने कहा कि झीलों को संरक्षित रखना व पानी का मितव्ययी उपयोग जरूरी है।


प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने कहा कि उदयपुर सहित कोई भी शहर केवल आधुनिक सड़कों, लाईटों, भवनों से स्मार्ट नही हो सकता। मेहता ने कहा कि जब तक ” स्मार्ट ” का संदर्भ नही समझा जायेगा तब तक उदयपुर स्मार्ट नही बनेगा। उदयपुर के लिये स्मार्ट के एस का अभिप्राय सेफ वॉटर व सेनिटेशन ( स्वच्छ पानी व स्वच्छता) , एम का अभिप्राय माउंटेन व हिल्स की रक्षा ( पहाड़ियों को बचाना) ए का अभिप्राय एकविफर रिचार्ज ( भूजल पुनर्भरण) , आर का अभिप्राय रिवर व लेक कंजर्वेशन ( नदी व झील संरक्षण) तथा टी का अभिप्राय ट्रेडिशन ऑफ वोल्यून्टरिज्म एंड हार्मोनी ( स्वैच्छिकता व सद्भाव की संस्कृति) है।
विद्यार्थी राहुल सुथार ने आई ओ टी के प्रयोग से उदयपुर को सुंदर व स्वच्छ बनाने का सुझाव दिया । इस अवसर पर स्मार्ट उदयपुर विषयक पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन भी हुआ।
संचालन राधा किशन मेनारिया ने किया तथा धन्यवाद जय प्रकाश श्रीमाली ने व्यक्त किया। तनिष्क , सत्यनारायण , शुभम , दिव्यांश , प्रियाशी, यासीन को सम्मानित किया गया।