जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक में हुई महत्त्वपूर्ण चर्चा

 जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक में हुई महत्त्वपूर्ण चर्चा

उदयपुर जिला परिषद सभागार में गुरुवार को जिला पर्यटन विकास समिति (Udaipur Tourism Development Committee) की बैठक आयोजित की गई. बैठक में कलक्टर मीणा ने पर्यटन से जुड़े विभागीय अधिकारियों, ट्यूर ऑपरेटर्स, होटल एसोसिएशन व गाइड एसोसिएशन के पदाधिकारियों और जिला पर्यटन विकास समिति के सदस्यों से पर्यटन संबंधित समस्याओं व पर्यटन विकास से जुड़े विविध विषयों पर विस्तार से चर्चा की.

बजट के अभाव में महान विभूतियों के स्मारकों की दुर्दशा न रहे:

बैठक में कलक्टर मीणा ने कहा कि चिंता और अफसोस का विषय है कि महाराणा प्रताप के जीवन व शौर्य से जुड़े स्थानों की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में पर्यटन विभाग और उपखंड स्तर पर बनी समिति को संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है। पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने चावंड, गोगुंदा व अन्य स्थानों के लिए प्रस्ताव भेजे जाने की जरूरत बताई तो कलक्टर ने फिर दोहराया कि विभाग यदि प्रशासन को लिखेगा तो आवश्यकता अनुरूप बजट उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने प्रताप के साथ ही राणा पूंजा, हाड़ी रानी और अन्य महान विभूतियों से जुड़े स्मारकों व स्थलों की सर्वे करते हुए बजट आवश्यकता बताने की बात कही और निर्देश दिए कि बजट के अभाव में महान विभूतियों के स्मारकों की दुर्दशा न रहे।

पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं का रखें खयाल:
गत बैठक की कार्यवाही की समीक्षा दौरान कलक्टर मीणा ने पर्यटन स्थलों पर हॉकर्स व भिखारियों के कारण शहर की छवि पर विपरीत प्रभाव न पड़ने के लिए निर्देश देते हुए इनके लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसर तलाशने को कहा। कलक्टर ने शहर में विभिन्न स्थानों पर आकर्षक साइनेज व होर्डिंग लगाने, पर्यटन स्थलों पर शौचालयों व पार्किंग की उचित व्यवस्था करने के लिए नगर निगम व यूआईटी को सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और कहा कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाए ताकि यहां आने वाला पर्यटक शहर की अच्छी छवि लेकर जावें।

पहली बार बैठक में बुलाया:
कलक्टर को पर्यटन विषय पर खुलकर चर्चा करते देख कर बैठक में मौजूद ट्यूर ऑपरेटर्स, होटल एसोसिएशन व गाइड एसोसिएशन के पदाधिकारियों व पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सराहना की और कहा कि पहली बार इस तरह की बैठक आयोजित की गई और उन्हें शामिल होने का मौका दिया गया। सभी ने उदयपुर के पर्यटन विकास के लिए प्रशासन को हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।

फिर शुरू होगी हेरिटेज वॉक:

शहर में पूर्व में नगर निगम द्वारा चलाई जा रही हेरिटेज वॉक की चर्चा के दौरान महाराणा प्रताप स्मारक समिति के सचिव युद्धवीर सिंह व गाइड एसोसिएशन के दिग्विजय सिंह जगत ने हेरिटेज वॉक को फिर से प्रारंभ करने और इसमें लाइसेंसधारी गाइड्स का उपयोग करने का सुझाव दिया।

शहर के पर्यटन स्थलों के साइनेज पर बधाई संदेश चिपके होने की स्थिति को दूर करने का सुझाव भी दिया। कलक्टर ने नगर निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ को संबंधित एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा कर 15 दिनों में हेरिटेज वॉक का रूट व रूपरेखा तैयार करने को कहा।  

जगत व जयसमंद की दुर्दशा बताई:

बैठक में समिति सदस्य नवलसिंह चुण्डावत ने विश्व प्रसिद्ध जगत के अंबिका माता मंदिर में अव्यवस्थाओं के साथ यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाओं के अभाव को बताया वहीं उन्होंने जयसमंद में रूठी रानी के महल की दुर्दशा बताते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक इमारत की कई छतरियां टूट गई है, इसे बचाया जाए। डीएफओ अजीत ऊंचाई व उपनिदेशक सक्सेना ने जयसमंद रूठी रानी महल की डीपीआर तैयार कर भिजवाएं जाने की जानकारी दी।    

कलक्टर व अधिकारी सभी पर्यटन स्थलों का करेंगे दौरा:

शहर व जिले के पर्यटन स्थलों की समस्याओं को जानने और इनके विकास की संभावनाओं को तलाशने के लिए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने पहल करते हुए कहा कि पर्यटन विकास से जुड़े समस्त संबंधित विभागीय अधिकारी व पर्यटन से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारियों की एक समिति स्वयं कलक्टर के साथ आगामी 15 दिनों में जिले के सभी पर्यटन स्थलों का दो दिवसीय दौरा करेगी।

ये सुझाव भी दिए गए:

पर्यटन विकास समिति की गैर सरकारी सदस्य शांता प्रिंस ने सुखाड़िया सर्किल व मुंबईया बाजार के फूड कार्ट को शॉप एक्ट से निकालने और इस वजह से इन्हें रात्रि में जल्द बंद करने की पाबंदियों से मुक्त करवाने का सुझाव दिया।

कलक्टर ने नरेगा के माध्यम से वन क्षेत्रों में ट्रेक तैयार करवाने व संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट की मंशानुसार महाराणा प्रताप से जुड़े स्थानों का एक टूरिस्ट सर्किट तैयार कर बस के माध्यम से प्रमोट करने का सुझाव दिया।

संभागियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में जीप सफारी शुरू करने, रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने, ट्रेकिंग इन अरावली जैसे टूर प्रारंभ करवाने, वन क्षेत्रों में ट्रेक व वाटर होल बनवाने, पर्यटन थाने में नफरी बढ़वाने, शहर में अलग-अलग स्थानों पर धरोहर शो आयोजित करवाने, लोक कलाकारों को संरक्षण दिलाने, पर्यटन स्थलों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था करने, टूरिस्ट डिस्पेंसरी खुलवाने, चैक पोस्ट पर पर्यटकों के वाहनों को परेशान न करने, पर्यटक सूचना केन्द्र की दुर्दशा को सुधारने व यहां पर यूआईटी द्वारा तैयार करवाए गए इंटरप्रिटेशन सेंटर को शुरू करवाने, ऑटो रिक्शा चालकों का यूनिफॉर्म तय करने, पर्यटक इकाई का प्रमाण पत्र जारी करवाने, स्मार्ट सिटी का कार्य जल्द खत्म करवाने, उदयपुर में फिल्म सिटी प्रारंभ करवाने, स्मार्ट सिटी एप के क्यूआर कोड से प्रचारित करने, फिल्म शूटिंग के लिए अनुमति प्रक्रिया को सरल बनाने सहित कई प्रकार के सुझाव दिए। इस पर कलक्टर ने संबंधित विभागों को कार्यवाही के निर्देश दिए।  

 बैठक में यूआईटी सचिव अरूण हसीजा, एडीएम सिटी अशोक कुमार, नगर निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ, स्मार्ट सिटी सीईओ प्रदीपसिंह सांगावत, डीएफओ अजीत ऊंचोई सहित पर्यटन से जुड़े विभागीय अधिकारी व विविध संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बैठक एजेंडा व पूर्व बैठक की कार्यवाही प्रस्तुत की।

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