तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग के छात्रों का सरकार से सवाल – छात्रवृत्ति मिल रही, कोर्स भी कंप्लीट फिर क्यों नहीं दे रहे रजिस्ट्रेशन नंबर ?

 तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग के छात्रों  का सरकार से सवाल – छात्रवृत्ति मिल रही, कोर्स भी कंप्लीट फिर क्यों नहीं दे रहे रजिस्ट्रेशन नंबर ?

सरकार एवं कॉलेज द्वारा मान्यता प्राप्त छात्रवृत्ति मिल रही  है, कोर्स भी कंप्लीट! फिर भी सरकार हमें रजिस्ट्रेशन नंबर क्यों नहीं दे रही ?

उदयपुर स्थित तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत 300 से अधिक नर्सिंग छात्रों के भविष्य पर गहरा संकट छा गया है.

कॉलेज की मान्यता रद्द करने के सरकार के फैसले के बाद नर्सिंग छात्रों में जबरदस्त रोष है.  छात्र विगत कई दिनों से कॉलेज में अपनी मानसिक वेदना को प्रबंधन के सामने प्रकट कर रहे हैं और अनुरोध कर रहे हैं कि सरकार के समक्ष उनकी बात को प्रमुखता से रखा जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए.

नर्सिंग की शिक्षा के लिए दो सरकारी एजेंसियां नियुक्त की जाती है पहले आईएनसी और दूसरी आरएनसी. तिरुपति स्कूल ऑफ नर्सिंग में अध्यनरत छात्रों को 2016-17 से लेकर 2020-21 तक के विद्यार्थियों को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दोनों सरकारी एजेंसियों से मान्यता दी गई, विद्यार्थियों ने मान्यता देखकर ही कॉलेज में दाखिला लिया तब से वह यहां नियमित विद्या अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की किया जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए तब से संबंधित अध्यनरत विद्यार्थियों को छात्रवृतियां आज तक प्रदान की जा रही है ।

गत 13 जनवरी 2022 को सरकार द्वारा एक लेटर जारी कर कॉलेज को अवगत कराया गया की 2021-22 से मान्यता को रद्द किया जाता है किंतु उस लेटर में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि पिछले बेच के बच्चों पर ये आदेश लागू होगा ।

यहां अध्ययनरत बच्चों की विडंबना यह है इन बच्चों ने मान्यता देख कॉलेज में दाखिला लिया, सरकार द्वारा समय-समय पर दी जा रही छात्रवृत्तियों उन्हें मिली किंतु आज इनका भविष्य अधर में है, इनमें से कई बच्चों ने लोन से अपनी शिक्षा को पूर्ण किया आज लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है, क्यूंकि बच्चे 2 वर्षों से बिना जॉब के बेकार घूम रहे हैं और मानसिक अवसाद की स्थिति में है.

इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने आरएनसी द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया उनकी रिपोर्ट मैं सभी कुछ सही पाया गया आर एन सी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है किंतु अभी तक सरकार द्वारा उस के ऊपर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।

मेरे पिताजी ने प्राइवेट नौकरी करते है एवं मुझे पढाने के लिए बैक से लोन लिया घर खर्च के साथ ही बैक की किस्त चुका रहे है साथ ही मेरे छोटे भाई-बहिनों की जिम्मेदारी भी उन पर है मैने सोचा नर्सिग करने के बाद अपने पिताजी का वनज थोड़ा कम हो जाऐगा लेकिन पता नही अब क्या होगा – विकास सारंग विधार्थी

मेरे पिताजी ने साहूकार से मेरे को पढ़ने के लिए उधार लिया और मेरी पढ़ाई के लिए लगाया अब में कैसे मेरे पिताजी उसको चुका पाएंगे। क्यों उनकी उम्मीद मैं ही हूँ – हर्श टेलर

नर्सिंग की पढ़ाई के दौरान मुझे चारों साल तक स्कॉलरशिप मिली और पूरा पैसा मुझे मिला। अगर कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं था तो सरकार ने स्कॉलरशिप क्यों दी – कीर्ति कुमारी

मेरे घर में मेरी माँ छोटी मोटी नौकरी करके घर का गुजारा चलाती है और अपनी ज़मीन बेच के मेरी माँ ने मुझे पढ़ाने के लिए भेजा लेकिन अब कैसे हमारा गुजारा होगा – राहूल

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