रेबीज मुक्त होगा उदयपुर: पशुपालन विभाग की पहल

 रेबीज मुक्त होगा उदयपुर: पशुपालन विभाग की पहल

उदयपुर पशु चिकित्सालय एवं एनिमल फीड उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में ‘रेबीज मुक्त उदयपुर‘ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रत्येक रविवार को श्वानों में एंटी रेबीज वेक्सीन लगाने का कार्य प्रमुखता से किया जा रहा है।

रेबीज मुक्त उदयपुर अभियान की अधिक जानकारी देते हुए उपनिदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने बताया कि 1 जनवरी से सम्पूर्ण उदयपुर शहर में एनिमल फीड संस्था के संयुक्त तत्वावधान में इस अभियान की शुरुआत

की गयी है जिसके अंतर्गत अभी तक 134 सड़कों पर घूमने वाले श्वानों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया की कई बार आवारा श्वानों के काटने से आमजन में भय उत्पन्न हो जाता है साथ ही मानव-पशु संघर्ष जैसी अवस्थाएं भी उत्पन्न हो जाती है जिसकी वजह से आम जनता इन बेजुबानों की मदद करने से कतराती है। रेबीज मुक्त होने से मानव-पशु विश्वास भी कायम होने के साथ बेसहारा श्वानों को रेबीज जैसी बीमारी से मुक्ति मिल सकेगी। उन्होंने बताया की इस अभियान में शहर के प्रशासनिक अधिकारी भी बढ़ चढ़ कर सहयोग कर रहे है।

उल्लेखनीय है कि गोवा देश का प्रथम रेबीज मुक्त राज्य बन चुका है।


क्या होती है रेबीज बीमारी?
डॉ. महेंद्र मेहता ने बताया कि रेबीज़ इंसानों में अन्य जानवरों से संचारित होता है। जब कोई संक्रमित जानवर किसी अन्य जानवर या इंसान को खरोंचता या काटता है तब रेबीज़ संचारित हो सकता है। मनुष्यों में सामान्यतया रेबीज के मामले श्वानों के काटने से होते है।

रेबीज़ एक विषाणु जनित बीमारी है जिसके कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क का सूजन) आ जाती है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार आ सकता है. वही हिंसक गतिविधि, अनियंत्रित उत्तेजना, पानी से डर, शरीर के अंगों को हिलाने में असमर्थता, भ्रम और होश खो देना जैसे लक्षण भी प्रकट हो सकते है। समय पर उपचार और बीमारी के प्रति जागरूकता ही एक मात्र बचाव का उपाय है।

Related post