उदयपुर के चिकित्सकों का सेवा संकल्प: 40 वीं बार निःशुल्क स्वास्थ्य सेवार्थ के लिए रवाना हुआ दल

 उदयपुर के चिकित्सकों का  सेवा संकल्प: 40 वीं बार निःशुल्क स्वास्थ्य सेवार्थ के लिए रवाना हुआ दल

उदयपुर के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा उदयपुर से 1150 किलोमीटर दूर जरूरतमंदों लोगों की निःशुल्क सेवा का संकल्प लिए चिकित्सा दल शुक्रवार सुबह बीएन कॉलेज प्रांगण से रवाना हुआ।  पिछले 39 वर्षों से यह सेवा कार्य निरंतर जारी है.

संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, सेवानिवृत्त आईपीएस मनोज भट्ट, मंदिर मण्डल नाथद्वारा के अधिकारी सुधाकर शास्त्री, आईएमए अध्यक्ष डॉ आनंद गुप्ता व बीएन संस्थान के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंघोली ने बतौर अतिथि हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

पीड़ित मानवता की सेवा के लिए जज़्बा जरूरी:
बीएन कॉलेज में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों के बावजूद गत 39 वर्षों से लगातार चल रहा यह शिविर वास्तव में प्रेरणादायी है। पीड़ित मानवता की सेवा के लिए इसी प्रकार के जज्बे की वर्तमान प्रसंगों में जरूरत है।

रिटायर्ड आईपीएस मनोज भट्ट ने कहा कि मेवाड़ में सेवा की परंपरा है। इस पवित्र भूमि से जुड़े हुए चिकित्सक इतनी दूर जाकर 40 वां शिविर आयोजित कर जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं, यह अनुकरणीय है।

नाथद्वारा मंदिर मंडल के अधिकारी सुधाकर शास्त्री ने भी सैकड़ों किलोमीटर दूरी पर जाकर किए जाने वाले सेवा कार्यों की सराहना करते हुए उनके मिशन की सफलता की कामना की। आरंभ में चिकित्सा दल प्रभारी और ख्यातनाम चिकित्सक डॉ.जे.के.छापरवाल ने गत वर्षों में आयोजित शिविरों में तराई अंचल में किए गए सेवा कार्यों और इससे जुड़े चिकित्सकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह दल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के हंडियाकोल जंगल स्थित श्रीराम वन कुटीर आश्रम में जरूरतमंदों की स्वास्थ्य सेवा के लिए आयोजित होने वाले निःशुल्क चिकित्सा शिविर में रोगियों की चिकित्सा करेगा।

दिवंगत सदस्यों के परिजनों का हुआ सम्मान
समारोह में अतिथियों द्वारा सेवा के लिए समर्पित इस कार्यक्रम में प्रारंभ से लेकर अब तक दिवंगत हो चुके दल के सदस्यों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर दिवंगत सदस्य डॉ.एस.पी.माथुर, डॉ.आर.के.अग्रवाल, डॉ. एच.एस.चुण्डावत, डॉ. एस.पी. गट्टानी, डॉ. भूपेश, डॉ.पी.सी.मेवाड़ा, डॉ. श्याम बिहारी गुप्ता, अमोलक चन्द कच्छावा, मिश्री लाल भट्ट, रामलाल बारबर, जगदीश बारबर, जे.सी.सिस्टर, समाजसेवी दीनदयालं पेडिवाल, नंदलाल सई, दुर्गाशंकर शर्मा, कन्हैयालाल देवपुरा, श्रीमती कमला देवी देवपुरा, नर्सिंग स्टाफ़ शांतिलाल नलवाया के परिजनों का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समारोह में तेजसिंह बांसी, जानकीलाल मूंदड़ा, स्वयंभू शर्मा, कमल भण्डारी, अनिल शाह सहित विभिन्न समाज के प्रतिनिधि, समाजसेवी व अन्य प्रबुद्धजन मौजूद थे।

चित्तौड़गढ़ में कलक्टर पोसवाल ने की अगवानी:
बाराबंकी जा रहे इस चिकित्सकीय सेवादल के चित्तौड़गढ़ पहुंचने पर जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने अगवानी की और हरी झंडी दिखाकर आगे के लिए रवाना किया। इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका चेयरमैन महेश ईनाणी, कैप्टन सुरेश ईनाणी, शंभूलाल प्रजापत, डॉ. मनीष शर्मा, ऋषि गोयल,नवरतन जीनगर सहित अन्य लोग मौजूद थे।

ये देंगे सेवाएं
उदयपुर से रवाना हुए इस दल में डॉ. विनिया पेंडसे, डॉ. जे.के छापरवाल, डॉ एस के सामर, डॉ.जे.एल कुमावत, डॉ. एलएल सेन, डॉ शरद नलवाया, डॉ. संध्या नलवाया, डॉ एच.एस.राठौड़, डॉ. अर्चना अग्रवाल, अभिमन्यु सिंह राठौड़, डॉ निलाप अग्रवाल, डॉ अजय अग्रवाल, डॉ शिवशंकर भारद्वाज, डॉ कमला भारद्वाज, डॉ गुमान सिंह पीपाड़ा, डॉ रमेश अग्रवाल, डॉ मंजू गोयल, डॉ गुंजन शर्मा, रमेश पुरोहित, सम्पत बडाला, प्रकाश सामोता, सुरेश लाहोटी (कुरज) दिनेश सिसोदिया, सिस्टर चन्द्रकला पालीवाल, हेमन्त सन्त, गोपाल जीनगर, प्रकाश धोबी, समाज सेवी भगवती प्रसाद शर्मा, प्रकाश देवपुरा, दीपक पोद्दार, बुद्धिप्रकाश, विदेश जीनगर सहित 15 वार्ड बॉय और अन्य नर्सिंग स्टाफ अपनी निशुल्क सेवाएं देंगे।

कई राज्यों के जरूरतमंदों को देंगे स्वास्थ्य सेवाएं:
उन्होंने बताया कि इस शिविर में 40 चिकित्सक, 60 नर्सिंग स्टाफ, 10 वैद्य, 5 तकनीशियन सहित वार्ड बॉय, आया व समाजसेवी तथा इनके अतिरिक्त कोलकाता, अहमदाबाद, भिवानी, दिल्ली, जयपुर, लखनऊ व हरियाणा के चिकित्सक भाग लेंगे। विगत 39 वर्षों में मोतियाबिंद, हर्निया, हाइड्रोसील, बवासीर, गर्भाशय अन्य में ट्यूमर आदि के कई ऑपरेशन हो चुके है। इस आश्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, पीलीभीत, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, अमेठी, रायबरेली व समीपवर्ती राज्य बिहार के जिलों सहित 500 किमी परिधि क्षेत्र से रोगी उपचार हेतु आते है।

1978 से सिलसिला हुआ शुरू:
डॉ. छापरवाल ने बताया कि वर्ष 1978 में स्वामी रामदास जी उदयपुर में प्रवचन के लिए आये हुए थे। इस दौरान उन्होंने उदयपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.एस.पी.माथुर, डॉ.आर.के.अग्रवाल, डॉ.जे.के.छापरवाल आदि को बुलाया और कहा कि फोटोग्राफी कैंप में तो सभी जाते है लेकिन निस्वार्थ भाव से सेवा के लिए कुछ ऐसा कार्य किया जाए जिससे तराई बेल्ट के देहाती व्यक्ति को स्थायी उपचार मिले। इससे प्रेरित होकर कुछ चिकित्सक उनके आश्रम पहुंचे और सेवा के इस अनुष्ठान का शुभारंभ किया। इसके लिए स्वामीजी ने अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए अपने आवास के 3-4 कमरों में ऑपरेशन थिएटर बनवा दिया और हर संभव सुविधाएं प्रदान की।

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