महिलाओं के खिलाफ अपराध, भेदभाव और गैर बराबरी के सवाल पर चुप्पी कब तक : डॉ सीमा जैन 

 महिलाओं के खिलाफ अपराध, भेदभाव और गैर बराबरी के सवाल पर चुप्पी कब तक : डॉ सीमा जैन 

उदयपुर. अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति उदयपुर का एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर, शिराली भवन में जिलाध्यक्ष केसर देवी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। शिविर का उद्घाटन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता लेखिका डॉ कुसुम मेंघवाल ने कहां कि जागरूकता और संगठन के बगैर महिलाओं की मुक्ति संभव नहीं है। 

समाज और सरकार दोनों महिलाओं पर पवित्रता , इज्जत और सारे दायित्व लादकर, महिला को चेतना से वंचित कर देती है। महिलाओं को समझना होगा कि जब तक आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक बराबरी का हक नहीं मिलेगा तब तक समाज की तरक्की और प्रगति झुठी है। 

शिविर की मुख्य वक्ता, जनवादी महिला समिति राज्य सचिव डॉ सीमा जैन ने बताया कि जनवादी महिला समिति का नारा जनवाद, समानता, नारी मुक्ति है। जनवादी महिला समिति की देशभर में 1 करोड़ 10 लाख सदस्य है। जनवादी महिला समिति देशभर में महंगाई, इज्जत के नाम पर महिलाओं की हत्या , महिला अत्याचार के खिलाफ, समाज, राजनीति और आर्थिक क्षेत्र में बराबरी के लिए संघर्षरत है। 

आज तक हमारी संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 % स्थान तक नहीं दे पाये है। राजनेता, धर्मगुरु और पितृसतात्माक मानसिकता वाला समाज जब चाहे, महिलाओं को बात-बात पर दोषी ठहराते हुए, पाबंदिया लगाने की राय देते रहते है। जाति, धर्म के नाम होने वाले दंगों की सबसे पहली शिकार महिला होती है। 

बिलकिस बानों से लेकर महिला पहलवानों, शिक्षण संस्थाओं में लड़कियों से छेड़छाड़, मणिपुर में नग्न करके सामूहिक ब्लात्कार जैसे उदाहरण बताते है कि महिलाओं के लिए घर से लेकर संसद तक सुरक्षित नहीं है। महिलाओं को समझना होगा कि समाज की वास्तविक प्रगति महिलाओं के अधिकारों से नापी जाती है। जब तक महिलाएं संगठित होकर हक – अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ेगी तब तक महिला मुक्ति संभव नहीं है। 

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