विद्या भवन केवीके में श्रीअन्न वाटिका स्थापित

 विद्या भवन केवीके में श्रीअन्न वाटिका स्थापित

उदयपुर. विकसित भारत के लिए  विकसित  कृषि  जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय पोषक वर्ष को देखते हुए पोषक अनाज श्रीअन्न की खेती व व्यापक उपयोग करना चाहिए। यह विचार विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव में कृषक – वैज्ञानिक संवाद में सचिव (डेयर) डॉ हिमांशु पाठक ने कृषकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। डॉ पाठक ने इस अवसर पर विद्या भवन में श्री अन्न वाटिका का उद्घाटन भी किया। 

डाॅ. पाठक ने किसानों को कृषि में विविध अनुसंधान पश्चात हुए बदलावों को अपनाने को कहा ताकि उनकी आय बढ सके। डाॅ. पाठक ने कहा की भारत सरकार के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र  कृषि सुधार, विस्तार, प्रसार, अनुसंधान की प्रमुख कडी है। महानिदेशक ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसान की आय बढाने के लिए समग्र रूप से कार्य करें।

कार्यक्रम में पूर्व उपमहानिदेशक (भाकृअनुप) डाॅ. शान्तिलाल मेहता ने उदयपुर की परिस्थिति के अनुरुप समन्वित खेती करने पर जोर दिया। साथ ही  राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी परियोजना की सफलताओं को बताया। निदेशक अटारी डाॅ. जय प्रकाश मिश्रा ने कृषि की उन्नत तकनीकों को अधिक से अधिक गांवों में पहुचाने के लिए असंस्थागत प्रशिक्षण और प्रसार गतिविधियों को बढाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम मे अतिथियों का स्वागत विद्या भवन सोसायटी अध्यक्ष अजय मेहता ने किया। कृषक – वैज्ञानिक संवाद में 70 महिला एवं पुरूष किसानों ने भाग लिया। संवाद से पूर्व डाॅ. हिमांशु पाठक ने  केन्द्र की विभिन्न इकाईओं का भ्रमण करते हुए गाय एवं भैंस में बांझपन निवारण कार्यो को देखा।

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