उदयपुरवालो के जज़्बे से बचा नन्हा “गर्व राज”
इसे विधि का विधान कहे या अजीब संजोग कि कैसे एक तरफ एक माँ अपने बच्चे को जन्म देते ही दुनिया से चली जाती है तो वही उस नवजात अपरिपक्व बच्चे को बचाने के लिए भी जब कोई डॉक्टर और अस्पताल आगे नहीं आया तब शहर के एक अस्पताल और उसके अनुभवी डॉक्टरो ने 61 दिनों तक गहन ईलाज और देखभाल के बाद उस नन्हे बच्चे को बचा लिया.
और तो और शहर के मीडिया, समाजजन और भामाशाहो ने आगे बढ़ कर इस बच्चे के ईलाज लिए राशि एकत्रित की.
आखिरकार दुआ और दवा काम आई और नन्हा गर्व राज सिंह अब स्वस्थ है.
यह कहानी है उदयपुर के राजेश सिंह राठोड़ की जिनकी धर्म पत्नी योगिता कुंवर की गर्भावस्था में मृत्यु होगई, दुनिया से जाते जाते योगिता ने एक अपरिपक्व बच्चे को जन्म दिया, नवजात भी इस अवस्था में कि सभी अस्पतालों और डॉक्टर ने कह दिया कि इसका बचना मुश्किल है.
गबराए परेशान राजेश सिंह ने अपनी पत्नी को वादा किया था कि वह बच्चे नहीं मरने देंगे, और उनका यही विश्वास इस पूरे घटनाक्रम में उनकी हिम्मत का स्त्रोत रहा.साथ ही रेडिएंट चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टर धीरज दिवाकर और डॉ अनूप पालीवाल की टीम ने 61 दिनों तक ईलाज के बाद बच्चे को नया जन्म दिया.
रेडिएंट हॉस्पिटल के डॉ अनूप पालीवाल ने Udaipurwale.com को बताया कि “जब सबसे पहले बच्चे को एडमिट किया गया तो उसी हालात बहुत नाज़ुक थी, इन्फेक्शन पूरे शरीर में फेल गया था, सांस में दिक्कत थी और क्यूंकि प्री मेच्युर था तो कमजोरी भी थी. हमने हमारा बेस्ट करने की कोशिश की, बाकी ज़िन्दगी और मौत भगवान् के हाथ में है. ख़ुशी है कि बच्चा अब पूरी तरह सवस्थ है”.
इसी अवसर पर अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ, एवं वे सभी जिन्होंने गर्वराज को बचाने में योगदान दिया था उनके सम्मान में एक छोटा सा कार्यक्रम किया गया.
उदयपुर न्यूज़ के संस्थापक और एडिटर मनु राव का विशेष सहयोग रहा जिन्होंने अपने मीडिया के ज़रिये और व्यक्तिगत तौर पर भी इस मिशन को कामयाब बनाया. साथ ही शहर के कई भामाशाह जैसे हुसैन मशरकी, हितेश कुमावत और ब्राह्मण समाज, कुमावत समाज, छापरवाल दर्जी समाज, सुथार समाज ,वैष्णव समाज, जैन समाज ,राजपूत समाज, सिंधी समाज, साथ ही बजरंग सेना मेवाड़ के सहयोग से एक नवजात को नई ज़िन्दगी मिल सकी.