हरिश्चन्द्र सिंह को संपादकाचार्य, मीठेश निर्मोही को साहित्य शिरोमणि अलंकरण से नवाजा
उदयपुर 12 अक्टुबर/ वरिष्ठ पत्रकार हरिश्चन्द्र सिंह ने कहा कि आज मीडिया मिशन मोड से मुनाफे के मोड में आ गया है तथा जन केन्द्रित से प्रबंध केन्द्रित हो गया है। कोई भी अखबार अब पाठक के लिए नहीं बनता और सारे पत्रकार ईमानदारी के लिए दांवपेंच खेल कर पत्रकारिता केा बचा रहे हैं।
उन्होने वर्तमान में पत्रकारिता के खतरे बताते हुए कहा कि इस पेशे में दबाव झेलना सीखना पड़ता है। इन दिनों ये पेशा बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। यह बात उन्होने बुधवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से आईटी सभागार में मेवाड़ के अंतिम राजकवि और पृथ्वीराज रासौ पुस्तक के उद्धारकर्ता मनीषी कविराव मोहनसिंह की स्मृति में ‘मीडिया के सरोकार और उसकी प्रतिबद्धताएं‘ विषय पर राष्ट्रीय व्याख्यान एवं सम्मान समर्पण समारोह में बतौर मुख्य वक्ता कही।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवेात ने कहा कि जनतंत्र के तीनों स्तम्भों की निगरानी करना और वंचित, अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखना मीडिया की मुख्य भूमिका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया के सामने धन बल और बाहुबल आज सबसे बड़ी चुनौती है जिससे उनका निर्भय होना जरूरी है।
मीडिया समाज का दर्पण है, मीडिया में प्रकाशित खबरों पर पूरा समाज विश्वास करता है इसलिए इनकी भूमिका ओर भी बढ़ जाती है।
राजस्थान सहित्य अकादमी के अध्यक्ष दूलाराम सहारण ने कहा कि राजस्थान विद्यापीठ राजस्थान साहित्य अकादमी की मातृ संस्था है। इसके संस्थापक मनीषी जनार्दनराय नागर नागर अकादमी के प्रथम अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने विद्यापीठ को साहित्यिक कार्यक्रमों के सम्बंध में भरपूर सहयोग करने का वादा किया।
वरिष्ठ साहित्यकार एवं चिंतक किशन दाधीच ने कहा कि इन दिनों विश्व में राष्ट्रवाद की अवधारणा एवं चुनौती बनी हुई है। भारतीय संदर्भ में बहुलता का सांस्कृतिकवाद ही भारत का राष्ट्रवाद है और उस भरोसे को बचाये रखने की जिम्मेदारी सबसे अधिक मीडिया की है। उन्होने कहा कि प्रेम और भाईचारे की जो दुनिया बची हुई है उसमें साहित्य और कविता का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
वरिष्ठ कवि एवं कथाकार मीठेश निर्मोही ने अपनी चुनिंदा कविताओं का पाठ करते हुए कहा कि चौपासनी शोध संस्थान जोधपुर में रखे हुए कविराव मोहनसिंह की हस्त लिखित पाण्डुलिपियों को प्रकाशित करने की बात कही।
इस अवसर पर कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. उग्रसेन राव ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संचालन डॉ. कुल शेखर व्यास ने किया जबकि आभार रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच ने दिया।
इन्हे नवाजा ‘संपादकाचार्य‘ ‘साहित्य शिरोमणि‘ सम्मान से नवाजा:-
समारोह में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने वरिष्ठ पत्रकार एवं अमर उजाला, जयपुर के सम्पर्क संपादक हरिश्चन्द्र सिंह को ‘संपादकाचार्य‘ एवं वरिष्ठ साहित्यकार मीठेश निर्मोही, जोधपुर को ‘साहित्य शिरोमणि‘ सम्मान से नवाजा ।
समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार गोविन्द माथुर जयपुर, हितेश व्यास कोटा, माधव नागदा राजसमंद, लेखिका प्रो. सरवत खान, तराणा परवीन, डीएस पालीवाल, कृषि सलाहकार प्रो. आईजी माथुर, चितरंजन नागदा, डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. मानसिंह , डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. प्रियंका सोनी सहित विद्यापीठ के डीन डायरेक्टर व शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।