महाराणा प्रताप एअरपोर्ट पर पक्षी विमान टकराव प्रबंधन का हुआ सर्वेक्षण

 महाराणा प्रताप  एअरपोर्ट पर पक्षी विमान टकराव प्रबंधन का हुआ सर्वेक्षण

महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, डबोक, उदयपुर में वन्यजीव व पक्षी विमान टकराव प्रबंधन पर प्रथम चरण का सर्वेक्षण संपन्न हुआ जिसमे वन्य एवं पक्षी विशेषज्ञ ने रिपोर्ट पेश की ।

वन्यजीव प्रबंधन व स्वास्थ्य अध्ययन उपकेंद्र,  पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया व हवाई अड्डा प्राधिकरण, उदयपुर की ओर से दिनांक 23 से 27 जून तक महाराणा प्रताप हवाई अड्डे, डबोक में वन्यजीव व पक्षी विमान टकराव के जोखिम कम करने हेतु महाराणा प्रताप हवाई अड्डा के डॉ हेमन्त जोशी, पक्षी विद शरद अग्रवाल, मार्क्स भारतीय, सहायक महाप्रबंधक (ए टी सी) व ए टी सी के स्टाफ द्वारा सर्वे कर प्राधिकरण को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई.

राघवेन्द्र रत्न मौर्य, विमानपत्तन निदेशक व ए टीसी इंचार्ज ने बताया कि इस सर्वे का उद्देश्य पक्षी विविधता का मूल्यांकन करना,  पक्षी विमान समस्याओं का मूल्यांकन करना और सुरक्षा को सुधारने के लिए उपायों का मूल्यांकन करना था। उक्त सर्वे वर्ष में तीन चरण में किए जायेंगे। अगला चरण सर्दी में किया जाएगा।

पांच दिनों तक सुबह, दोपहर व शाम से रात तक के सर्वे में 63 प्रजातियों की कुल 521 पक्षी की गणना की, जिसमे शिकरा, ब्लैक विंग काइट, जिटिंग सिस्टीकोला, सावाना नाइटजार व इंडियन थिक नी, चित्रित फ्रेंकोलिन और अन्य प्रजातियाँ  मुख्य है।

पक्षीविद शरद अग्रवाल ने एयरपोर्ट पर पक्षियों को हटाने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की तथा विभिन्न नए उपायों को भी करने के सुझाव दिए । सह अन्वेषक डॉक्टर हेमन्त जोशी ने ए टी सी के स्टाफ को रनवे पर विमान उड़ते व उतरते समय से पूर्व पक्षी को उड़ाने में वैज्ञानिक तरीके से ध्यान रखने हेतु विभिन्न जानकारी ट्रेनिंग के माध्यम से दी गई।

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