स्कूलों में नो बैग डे पर बना रिकॉर्ड : 63.15 लाख बच्चों ने सीखा गुड टच-बेड टच का सबक
उदयपुर. राजस्थान सरकार तथा स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सुरक्षित बचपन की मुहिम को विस्तार देते हुए शनिवार को प्रदेश भर के विद्यालयों में एक साथ गुड टच-बेड टच प्रशिक्षण आयोजित कर अनूठा रिकार्ड कायम किया। इसमें 65 हजार से ज्यादा स्कूलों में 63.15 लाख से अधिक विद्यार्थियों, अभिभावकों व स्टाफ ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कक्षा एक से 8 तक की श्रेणी के बच्चों को इस महत्त्वपूर्ण विषय पर प्रशिक्षित करने के लिए आईएएस नवीन जैन का बनाया प्रशिक्षण का मॉडल गुड टच, बेड टच के मामले में देश में सबसे सरल, सहज और बच्चों को समझाने के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है। महज चार चार्ट के जरिए इस महत्वपूर्ण विषय को आसानी से समझाया जा सकता है।
26 अगस्त को स्कूलों में नो बैग डे श्रृंखला के तहत स्कूलों में चार स्लाइड वाली यह सूचना बड़े-बड़े बैनर्स के जरिए बच्चों के लिए चस्पा की गई तथा विषय विशेषज्ञों तथा प्रशिक्षित शिक्षकों ने बच्चों को इसकी जानकारी दी। इसी शिक्षा सत्र में यह प्रशिक्षण तीन और बार बच्चों को दिया जाना प्रस्तावित है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के 65162 विद्यालयों में प्रशिक्षण कार्यक्रम हुए।
इसमें 63 लाख 15 हजार से अधिक विद्यार्थियों, स्टाफ और अभिभावकों ने भाग लिया। अभियान को लेकर उदयपुर जिले में भी खासा उत्साह नजर आया। जिले के सभी विद्यालयों में प्रशिक्षण कार्यक्रम हुए। इसमें लगभग 3 लाख 77 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। समस्त अधिकारियों ने प्रशिक्षण में उपस्थित होकर सेशन को और प्रभावशाली बनाया गया।
फ्लेक्सी शीट, स्पर्श मूवी के साथ ही कुछ विद्यालय में छोटे-छोटे नाटक एवं अन्य गतिविधियों से सुरक्षित एवं असुरक्षित स्पर्श के बारे में जानकारी दी गई। स्पर्श वॉलंटियर डॉ सोफिया नलवाया, श्रद्धा मुर्डिया, राधिका अग्रवाल ने भी इन प्रशिक्षणों में उपस्थिति देकर महत्वपूर्ण विषय को बच्चों के बीच सांझा किया। मुख्य जिला शिक्षाधिकारी आशा माण्डावत, एडीईओ ललितकुमार दक ने विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम का
सेना भर्ती पर जागरूकता अभियान के तहत शिविर 31 अगस्त से
उदयपुर. भारत सेना ने रोजगार के क्षेत्र में नए दिशा निर्देशों के साथ विभिन्न जिलों में भर्ती प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को उनके क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों के प्रति जागरूक करना है ताकि वे अपनी योग्यता और कौशल के आधार पर उन अवसरों का उपयोग कर सकें