कैदी को मारने आये मुम्बई के शूटर और साथी को पुलिस ने दबोचा
उदयपुर की अम्बामाता पुलिस, जिला स्पेशल टीम एवं स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने संयुक्त कार्यवाही कर मुंबई से आये एक शूटर एवं उसके साथी को एक विचाराधीन कैदी पर हमला करने से पहले धर दबोचा. पुलिस ने इनके कब्ज़े से एक पिस्टल, आठ जिंदा कारतूस एवं एक कार बरामद की है.
अम्बामाता थानाधिकारी सुनील टेलर ने बताया कि पकड़े गए आरोपी मुंबई ठाणे निवासी परवेज़ रहमान सैयद अपने साथी किशनपोल उदयपुर निवासी हसनैन अली उर्फ़ सन्नी के साथ मिल कर प्रतापगढ़ जेल में बंद कैदी फैजल को मारने आये थे.
पुलिस ने बताया कि एसओजी जयपुर के पुलिस निरक्षक भूराराम खिलेरी द्वारा जानकारी मिली थी कि मुंबई से एक शूटर जिसका नाम परवेज़ है अपने एक स्थानीय साथी हसनैन के साथ मिल कर प्रतापगढ़ जेल में बंद विचाराधीन कैदी फैज़ल की हत्या करने के फिराक में है. सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक मनोज चौधरी के सुपरविज़न में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार व अम्बामाता थानाधिकारी सुनील टेलर द्वारा टीम घठीत कर दोनों आरोपियों को महाकालेश्वर मंदिर के पास नाकाबंदी कर धरदबोचा.
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फैज़ल को मारने की सुपारी मूसा नाम के व्यक्ति ने दी थी जो प्रतापगढ़ का है पर हाल दुबई में निवासरत है जहाँ उसकी ग्लास फैक्ट्री है.
पुरानी रंजिश
जानकारी के अनुसार कैदी फैज़ल और दुबई निवासी मूसा की खानदानी दुश्मनी है, दोनों ही प्रतापगढ़ के निवासी है, इनकी पारिवारिक दुश्मनी के चलते फैज़ल धारा 302 के मामले में जेल में बंद है.
थानाधिकारी सुनील टेलर ने बताया कि मूसा ने 20 लाख में सुपारी दी थी, कुछ पैसा हवाले के ज़रिये ट्रान्सफर भी हुआ है, साथ ही 80 हज़ार रूपये पिस्टल के लिए दिए थे. जो असलैन बांसी जा कर लाया था.
हमले की योजना
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने प्लान बनाया था कि फैज़ल जब भी प्रतापगढ़ जेल से मेडिकल राउंड पर उदयपुर आएगा तो दूसरे शूटर बुलवा कर रास्ते में या हॉस्पिटल के अंदर ही हमला करेंगे. हालांकि पुलिस ने आरोपियों को वारदात से पहले ही पकड़ लिया.
आरोपियों के कब्जे से पिस्टल, आठ कारतूस एवं एक वरना कार बरामद की है.
पुलिस टीम: नारायण सिंह स उ नि , राजेश मेहता स उ नि, कांस्टेबल भागीरथ, चेतनदास व् श्रवण कुमार