उपेक्षा एवं लापरवाही से वाहन दुर्घटना के मामले पर हुआ मूट कोर्ट का आयोजन
डॉ. अनुष्का विधि महाविद्यालय के मूट कोर्ट हॉल में दिनांक 04.03.2023 को मूट कोर्ट का आयोजन किया गया । मूट कोर्ट की अध्यक्षता महाविद्यालय के निदेशक डॉ. एस. एस. सुराणा के द्वारा की गयी। मूट कोर्ट का विषय “उपेक्षा एवं लापरवाही से किये गए कृत्य” पर आधारित था। भारतीय दंड सहिता, 1860 की धारा 304-A, 279, 357, 338 एवं 427, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 131 (1), 134 (a) एवं (b), 177, 181 (3), भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 27, 145 एवं 157 एवं दंड प्रक्रिया सहिता, 1973 की धारा 375 (b), 374 (2), 386 एवं 482 के अंतर्गत मुकदमें के तथ्यो एवं विधि के बिन्दुओं को पेश किया गया।
इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष भारतीय संविधान के अनुच्छेद 136 के अंतर्गत विशेष अनुमति याचिका प्रस्तुत की गई। यह मामला वाहन चालक द्वारा वाहन चलाते समय की गई उपेक्षा एवं लापरवाही से सम्बन्धित था। विधि महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. राजेंद्र कुमार मीणा ने न्यायमूर्ति की भूमिका निभाते हुए मूट कोर्ट की प्रक्रिया को आगे बढाया। विधि तृतीय वर्ष के विद्यार्थी हेमंत पुरोहित, किशनलाल जाट एवं साक्षी जैन ने याचिकाकर्ता के पक्ष को रखा एवं रामप्रकाश सियाग, लक्ष्मीकांत एवं पायल नागदा द्वारा प्रत्यर्थी के पक्ष को रखा गया।
मूट कोर्ट में महाविद्यालय के निदेशक डॉ. एस. एस. सुराणा ने विद्यार्थियों को मूट कोर्ट का विधि के क्षेत्र में महत्व बताया। विद्यार्थियों द्वारा किये गये प्रदशर्न का विश्लेषण करते हुए डॉ. एस. एस. सुराणा ने विद्यार्थियों को एक प्रभावी मूट कोर्ट के प्रस्तुतिकरण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिये और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित भी किया। मूट कोर्ट में स्वागत उद्बोधन विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. क्षेत्रपाल सिंह के द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की सहायक आचार्य श्रीमती मंजू कुमावत द्वारा किया गया। मूट कोर्ट का संचालन सहायक आचार्य सुश्री मृणाली सक्सेना द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान सहायक आचार्य डॉ. मोहम्मद हारून छीपा, डॉ. रंजना सुराणा एवं नवनीत सोलंकी उपस्थित थे|