शहर को रेबीज मुक्त करने के लिए हुई बैठक, बनेगी कार्य योजना


उदयपुर. उदयपुर शहर को रेबीज मुक्त करने के लिए चिकित्सा विभाग की अहम बैठक हुई है. इसमें उदयपुर को रेबीज मुक्त करने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने उदयपुर शहर में कुत्तो की संख्या की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की है.
उन्होंने बताया कि आमजन में सुबह और रात में गलियों में घूमने पर कुत्तो द्वारा काटे जाने की शिकायते मिलती है।कुत्तो के काटे जाने की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही आमजन में रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी होने का भी खतरा रहता है।
इस सम्बन्ध में राज्य स्तर से नेशनल रेबीज कंट्रोल कार्यक्रम के उप निदेशक डॉ एम एल सालोतिया और डॉ टिकेश ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, बड़ी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वितीय डॉ कांतिलाल पलात, नगर निगम के अधिकारी, पशु पालन विभाग के अधिकारी, महाराणा भूपाल अस्पताल के अधीक्षक के साथ बैठक की।
बैठक में उदयपुर को रेबीज मुक्त करने की कार्य योजना बनाने हेतु निर्देश दिए। उप निदेशक एवं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बड़ी स्थित एनिमल एड का भी निरीक्षण किया गया और वहां पशुओं की देखभाल और उनके टीकाकरण सम्बंधित जानकारी प्राप्त की।
सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया की जल्दी ही नगर निगम उदयपुर में अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक रखी जायेगी, जिसमे विभागवार जिम्मेदारी तय करके शहर में रेबीज बीमारी के रोकथाम के समुचित उपायों का क्रियान्वन किया जाएगा।
इससे आवारा कुत्तो की संख्या में कमी लायी जा सके और साथ ही इन कुत्तो का भी एंटी रेबीज टीकाकरण किया जायेगा जिससे ना सिर्फ मनुष्य जाति को अपितु कुत्तो को भी रेबीज बीमारी से बचाया जा सके।
डॉ प्रणव भावसार ने बताया कि जिले के समस्त चिकित्सा संस्थानों में एंटी रेबीज के टीके उपलब्ध रहते हैं जिससे कुत्ते के काटे जाने पर आमजन का पूर्ण टीकाकरण समय पर किया जा सके।