अर्बन फार्म्स: IIT ग्रेजुएट्स ने शुरू किया आर्गेनिक खेती का स्टार्ट अप

 अर्बन फार्म्स: IIT ग्रेजुएट्स ने शुरू किया आर्गेनिक खेती का स्टार्ट अप

शहरी विकास के नाम पर कटती पहाड़ियां और सिकुड़ते जंगल, कम होते गाँव और खेत खलिहान. इसी विनाशकारी क्रम में एक और दुखद स्थिति है पूर्णत जैविक यानी आर्गेनिक सब्जियों की कमी, जिससे बढ़ते रोग और बीमारियाँ मानव स्वास्थ्य पर एक खतरे की तरह मंडरा रही है.

पर वो कहते है न कि उम्मीद पर दुनिया कायम है, तो इसी सकारात्मकता के साथ, चार युवाओं ने उदयपुर में शुरू किया है “अर्बन फार्म्स” Urban Farms. जैसा कि नाम से ही साफ़ प्रतीत होता है कि इसका अर्थ शहर के बीच खेती से ही है.

यहाँ आप पूरी तरह जैविक सब्जियां, फल आदि खरीद सकते है, साथ ही कई तरह के विदेशी सब्जियां भी अर्बन फार्म्स में उगाई जाती है जिनकी कीमत मार्केट के दाम जितनी ही है.

अर्बन फार्म्स पर आगे बढ़ने से पहले थोडा पीछे जाते है और जानते है कि कौन है वे किसान जिन्होंने शुरू किया यह शहरी फार्म ?.

पहले आईआईटी IIT मुंबई, फिर लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स London School of Economics, और यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओस्लो Oslo से अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर, यूरोप और अमेरिका में शानदार पैकेज वाले कॉर्पोरेट करियर को छोड़ अर्बन फार्म्स के कांसेप्ट को विकसित किया है – सिकंदर सिराज, अशिमा गोयल सिराज, सौरभ सिंघवी और कृति सिंघवी ने.

उदयपुर में जन्मे सिकंदर अपने पिता (रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर) के साथ भारत के कई शहरों में पले बढ़े, फिर उदयपुर के सेंट पॉल से स्कूलिंग कर आइआइटी मुंबई से इंजीनियरिंग की. सौरभ मूलतः जोधपुर के है और इन्होने भी आइआइटी मुंबई से इंजीनियरिंग कर विदेश का रुख किया. कृति जोधपुर में जन्मी और जयपुर में पली बढ़ी, इन्होने जर्नलिज्म में स्नातक किया. वही अशिमा जयपुर में पली बढ़ी और आइआइटी मुंबई से इंजीनियरिंग की.

अर्बन फार्म्स में इन चारो की अपनी अपनी जिम्मेदारियां है, कोई मैनेजमेंट, तो कोई ऑपरेशन, कम्युनिटी बिल्डिंग तो लोकल लाइजिनिंग. सब अपने अनुभव और ज्ञान को इस्तेमाल करते हुए अर्बन फार्म को विकसित कर रहे है.

इस आईडिया के पीछे दो बाते है, एक प्रकृति से प्रेम और दूसरा उदयपुर से जो इन कामयाब लोगो को अपनी ज़मीन की तरफ फिर से खींच लाया.

सबसे पहले 2018 में सौरभ और कृति ने अपने गोगुन्दा स्थित फार्म पर जैविक खेती शुरू की थी, इन्ही से प्रेरित हो 2020 में सिकंदर और अशिमा ने भी अपने टाइगर हिल पर स्थित फार्म पर खेती शुरू कर दी. तब तक दोनों दम्पति अपनी अपनी कोशिशे कर रहे थे पर जब मकसद एक था तो चारो ने मिल कर अपने सपनो को शक्ति दी और शुरू किया अर्बन फार्म्स. उदयपुर शिफ्ट होने और अर्बन फार्म्स शुरू करने से पहले सिकंदर और आशिमा अमेरिका में रह रहे थे और सौरभ और कृति नॉर्वे में.

आशिमा बताती है, “उदयपुर आने का उनका सबसे फैसला अच्छा था, यह एक शानदार अनुभव है अपनी मिट्टी से, प्रकृति से और अपने लोगो से जुड़ने का”.

उदयपुरवाले.कॉम से बात करते हुए कृति कहती है “अर्बन फार्म्स में हम यह ध्यान रखते है कि हर उत्पाद पूरी तरह जैविक हो, आप अपने घर से मात्र 10 किमी की दूरी पर उगी हुई ताज़ा सब्जियां ले सकते है वह भी बाज़ार के दाम पर.”

चैलेंज की कमी नहीं, तो हिम्मत और जज्बा भी कम नहीं  

सौरभ सिंघवी बताते है कि अर्बन फार्म्स शुरू करने से पहले ही वे खेती बाड़ी का एक्सपीरियंस कर चुके थे, इसलिए उन्हें पता था कि क्या चैलेंज आयेंगे और कैसे उनसे लड़ने है. “सबसे बड़ा चैलेंज है मौसम का अचानक बदलना, कुछ समय पहले आई बारिश से हमारी कुछ फसले ख़राब हो गई, और सब कुछ फिर से शुरू करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता.”

सिंकंदर सिराज ने बताया कि, “एक और समस्या है टीम की, क्यूंकि फार्मिंग को लोग सिर्फ एक गाँव के प्रोफेशन की तरह देखते है, बहुत मुश्किल होती है ऐसी लोगो को ढूढना जो अपनी मिट्टी से प्यार करे और मिट्टी में काम करें.”

सिर्फ अर्न नहीं लर्न भी है उद्देश्य

अशिमा बताती है कि अर्बन फार्म्स सिर्फ बिज़नेस स्टार्टअप नहीं, बच्चो में जैविक खेती जागरूकता और ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी काम करता है. जैसे स्कूल या फॅमिली पिकनिक जिसमे बच्चे अर्बन फार्म में आकर खुद खेती का अनुभव कर सकें. ताकि आने वाली जनरेशन प्रकृति से जुड़े और उसके महत्त्व को समझे.

जब हमने पूछा – कैसे अलग है अर्बन फार्म अन्य फर्म्स से?

सिंकदर बतातें है, “उदयपुर शहर छोटा है, आसपास ही कई खेती बाड़ी है. पर सब्जियों का खेतो से निकल घर तक पहुचने का एक जटिल चैनल है, और आर्गेनिक सब्जियां मिलना तो न के बराबर है, कई लोग जो आर्गेनिक खेती का दावा करते है वे भी कभी कभी पेस्टिसाइड छिडक देते है. जबकि हम यदि मौसम और कीड़ो का सामना नहीं कर सकते तो फ़सल बर्बादी के लिए तयार रहते है, क्यूंकि सब्जियां बेचना हमारे बिजनेस का एक हिस्सा है, न कि हमारा बिजनेस इसपर निर्भर है. इसलिए जहाँ दूसरे किसान फसल बचाने के लिए आर्गेनिक के साथ कोम्प्रोमाईज़ कर सकते है, हम बिलकुल नहीं. फिर हमने आर्गेनिक को प्रीमियम का टेग बना दामों को बिलकुल नहीं बढाया है, सभी सब्जियां बाज़ार कीमत पर ही मिलती है.

क्या उगता है अर्बन फार्म्स पर और कहाँ मिलती है सब्जियां?

सब्जियां जैसे बैंगन,रेड या ग्रीन भिन्डी, टमाटर, गुआर फली, कद्दू, बीटरूट, गाजर, आलू, लौकी, तुरई. फल जैसे चीकू, सीताफल, जामुन, स्ट्रॉबेरी, अमरुद, आम आदि.इसी तरह हरी सब्जियों में पालक, सरसों, रेड और ग्रीन अमरंथस. एक्सोटिक में राकेट, सेलरी, केल, स्विस चार्ड और हेर्ब्स में स्वीट बेसिल, रोजमेरी, थाइम, पार्सले आदि.

फ़िलहाल अर्बन फार्म्स की सब्जियां पोलो ग्राउंड में मिलती है और आसपास के एरिया में फ्री डिलीवरी भी की जाती है.

अशिमा कहती है, हमारे लम्बे सफर की यह मात्र एक शुरआत है. हम चार लोगो ने 2 फ़ार्म के साथ यह सफ़र शुरू किया, अब हमारे पास 6 फार्म्स है और 10 लोगो की टीम है. अर्बन फार्म का उद्देश्य है प्रकृति बची रहे, हम स्वस्थ खाएं, स्वस्थ रहे, आपसी रिश्ते मजबूत रहे और यह विजन हर व्यक्ति अपने जीवन में अपनाएँ.

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