आयड नदी को बनाना था सदानीरा – बना रहे एक छोटा धोरा वेनिस बनना था – हो रहा   विनाश

 आयड नदी को बनाना था सदानीरा – बना रहे एक छोटा धोरा वेनिस बनना था – हो रहा   विनाश

उदयपुर, 12 मार्च, नदी सुधार मे जुटे व नदियों को बचाने के लिए संघर्षरत नागरिक संगठन 14 मार्च को  एक्शन फॉर रिवर्स डे – नदियों के लिए कार्यवाही दिवस के रूप मे मनाते है। उदयपुर को यह दिवस आयड नदी की बर्बादी रोकने के संकल्प दिवस के रूप मे मनाना चाहिए।

यह विचार रविवार को आयोजित नदी संवाद मे व्यक्त किये गए।

संवाद मे झील संरक्षण समिति के डॉ. अनिल मेहता ने कहा कि जंहा आयड को सदानीरा व वेनिस बनना था, वंही अब इसके विपरीत नदी को पानी के एक धोरे के रूप मे सिमटाया जा रहा है।  वेनिस बनाने का विचार विनाश करने के कार्यों मे बदल गया है।

यह नदी पर अत्याचार है, अधिकारी वर्ग द्वारा किये जा रहे इस पर्यावरण अपराध पर राज्य के सत्ता पक्ष व विपक्ष के राजनीतिक दलों की चुप्पी आश्चर्यजनक है ।

झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि  नदी को एक छोटे से धोरे मे बदल देने के पीछे भूमाफिया का हाथ हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि नदी पेटे के हिस्सों को भविष्य मे खुर्द बुर्द किया जा सकता है।

गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि एन जी टी ने झील संरक्षण समिति की याचिका पर जांच के लिए कमिटी बनाई है। कमिटी के सदस्य होने के नाते जिला कलेक्टर जांच पूरी होने तक नदी टाइलिंग व नदी को छोटा किये जाने के कार्य को रोकने के आदेश जारी करे।

झील प्रेमी कुशल रावल व द्रुपद सिंह ने कहा कि भारत मे जंहा भी नदी के मूल स्वरूप को बदलने के अपराध हुए है, वंहा के लोगों को बाढ़ से पीड़ित होना पड़ा है। अधिकारियों को नदी एवम् नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड करने से रोकना ही होगा ।

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