जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक

 जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक
  • जयसमंद झील, बड़ी तालाब के साथ बड़ा मदार को भी संरक्षित करने की पहल
  • कलक्टर ने तीनों जलस्रोतों के प्रस्ताव राजस्थान झील संरक्षण प्राधिकरण को भेजने के दिए निर्देश

उदयपुर, 30 अगस्त। जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक शुक्रवार को जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में कलेक्टर कक्ष में हुई।

सदस्य सचिव एवं आयुक्त नगर निगम रामप्रकाश ने बैठक में अवगत कराया कि स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव की ओर से गत दिनों वीडियो कॉन्फ्रेसिंग बैठक में राजस्थान झील (संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 2015 की धारा 04 व 05 के अंतर्गत झील सीमाओं और झील के चारां ओर भौगोलिक क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की अधिसूचना जारी कराने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके अंतर्गत उदयपुर शहर की निकटवर्ती बड़ी झील एवं जयसमन्द झील को संरक्षित करने का प्रस्ताव भेजने के लिए संबंधित विभाग को अवगत करवाया गया।

जिला कलक्टर पोसवाल ने कहा कि बड़ा मदार तालाब भी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। उसकी क्षमता और क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए उसे भी इस प्रस्ताव के अंतर्गत संरक्षित किया जाना उचित होगा।उन्होंने जल संसाधन विभाग को राजस्व विभाग, जिला परिषद और युडीए से समन्वय करते हुए 15 दिन में सर्वे कर बडी तालाब, जयसमन्द झील एवं बडा मदार के फुल टेंक लेवल को झील की सीमाऐं एवं संरक्षित क्षेत्र निर्धारित करते हुए खसरे की सूची मय मानचित्र के निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव तैयार कर राजस्थान झील (संरक्षण एवं विकास ) प्राधिकरण को भिजवाने के निर्देश दिए।

बैठक में युडीए आयुक्त राहुल जैन, एसई जल संसाधन मनोज जैन, प्रदूषण नियंत्रण मंडल उदयपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी कुंजबिहारी पालीवाल, अधीक्षण अभियंता नगर निगम मुकेश पुजारी, उप नगर नियोजक सिराजुद्दीन, अधिशाषी अभियंता नगर निगम लखनलाल बैरवा, अधिशाषी अभियंता जल संसाधन दिलीपसिंह देवड़ा, हेमन्त पण्ड्या, यूडीए अधिशाषी अभियंता निर्मल सुथार सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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