जिला कलक्टर ने की झील प्रेमियों से साथ चर्चा


उदयपुर, 16 अप्रैल, झीलों, पहाड़ों की दुर्दशा व सिवरेज प्रदूषण से चिंतित जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने मंगलवार को झील प्रेमियों को आमंत्रित कर समाधानों पर चर्चा की।
जिला कलेक्टर ने कहा कि उदयपुर की पहचान यहां के झीलें, तालाब व पहाड़ है। इन्हे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे।
झील प्रेमियों ने जिला कलेक्टर से झीलों में जा रहे गंदे पानी की समस्या का निराकरण करने, झीलों के पानी के सीवर लाइन में व्यर्थ बहने को रोकने, झीलों व उनके आसपास के क्षेत्रों में नियमित सफाई, वेटलैंड संरक्षण नियमों की अनुपालना, झीलों का सही सीमांकन करने, पहाड़ों की कटाई रोकने, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, झील क्षेत्र में रात्रि को हो रही आतिशबाजी बंद करवाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
जिला कलेक्टर ने चर्चा उपरांत झील क्षेत्र में कैमरे लगवाने, कचरा, गंदगी, गंदा पानी विसर्जित करने वालों पर जुर्माना लगाने, सिवरेज प्रणाली को अलग अलग जोन में बांट हर जोन में प्रभारी कार्मिक नियुक्त कर नियमित निगरानी व संधारण, झील क्षेत्र स्वच्छता के लिए अलग अलग झील हिस्सों के लिए पृथक पृथक जिम्मेदारी देने जैसे सुझावों पर सहमति व्यक्त की । जिला कलेक्टर ने निगम व स्मार्ट सिटी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी प्रदान किए।
कलेक्टर ने झील प्रेमियों से कहा कि वे वेटलैंड नियमों के तहत इनफ्लूयेंस जोन के निर्धारण करने में आवश्यक सहयोग प्रदान करें।
चर्चा में झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल, झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता, गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा, स्मार्ट सिटी के अधिकारी दिनेश पंचोली ने भाग लिया।