अहिंसा मार्च में उदयपुर की युवा पीढ़ी ने दिया शांति और अहिंसा का संदेश
गांधी के संदेश को आत्मसात कर शांति की राह पर लौटी लेकसिटी
शांति एवं अहिंसा निदेशालय द्वारा उदयपुर में चल रहे संभाग स्तरीय तीन दिवसीय गांधी दर्शन आवासीय प्रशिक्षण शिविर का अंतिम दिन अहिंसा मार्च के नाम रहा। बुधवार को ही सुबह-सुबह ही देशभक्ति की स्वर लहरियों व रामधुन के साथ विभिन्न आयुवर्ग के साथ बड़ी संख्या में युवाओं का रैला सड़कों पर निकला तो लेकसिटी की फिज़ा गांधीमय हो उठी और चारों तरफ शांति और अहिंसा का संदेश प्रतिध्वनित हुआ। यह अहिंसा मार्च शहर के गांधी ग्राउण्ड से शुरू होकर नगर निगम स्थित शहीद स्मारक पर थमा।
इस अहिंसा मार्च को गांधीवादी विचारक कुमार प्रशांत, अनुजा निगम आयोग अध्यक्ष व राज्यमंत्री डॉ.शंकर यादव व संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, सतीश राय, धर्मवीर कटेवा, मनीष शर्मा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कलेक्टर ताराचंद मीणा, एसपी विकास शर्मा, सीईओ मयंक मनीष, गांधी दर्शन समिति संयोजक पंकज कुमार शर्मा, एसीईओ विनय पाठक सहित बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे।
गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के संभागियों, गांधीवादी विचारकों के नेतृत्व में उदयपुर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों,विभागीय अधिकारियों, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ शहर के प्रबुद्धजनों व युवाओं ने हजारों की तादाद में तिरंगों के साथ इस भव्य अहिंसा मार्च में भागीदारी निभाते हुए शांति, अंहिसा के साथ सद्भावना का संदेश दिया।
बच्चे बने गांधी, चरखे का हुआ जीवन्त प्रदर्शन:
इस अंहिसा मार्च में शामिल हुए कई बच्चों ने महात्मा गांधी का स्वरूप धारण कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और मार्च की अगुवाई की। इसी तरह इस अहिंसा मार्च में बच्चों द्वारा चरखे का जीवन्त प्रदर्शन किया गया था तथा कई बच्चों ने भारत माता, रानी लक्ष्मीबाई एवं अन्य देशभक्तों की वेशभूषा में राष्ट्रप्रेम का संदेश भी दिया। इस मार्च में बड़ी संख्या में बच्चे तिरंगे थामे चल रहे थे तो गांधीवादी विचारकों के साथ कई प्रबुद्धजनों, अधिकारियों व महिलाओं ने भी गांधी टोपी पहन कर गांधी के आदर्शों को आत्मसात करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राम धुन के साथ देशभक्ति की स्वरलहरियों से माहौल बना खुशनुमा:
अहिंसा मार्च के दौरान संभागियों द्वारा सम्पूर्ण मार्ग में रघुपति राघव राजा राम की धुन के साथ पुलिस बैंड और कई संस्थाओं के बैंड से निकली स्वरलहरियों ने माहौल को खुशनुमा बना दिया। इसके साथ ही भारत माता के जयकारे और वंदे मातरम की गूंज ने लेकसिटी में आजादी के जश्न जैसा वातावरण दिखाई दिया।
अहिंसा मार्च का एक छोर कोर्ट चौराहा तो दूसरा टाउन हॉल:
गांधी का स्वरूप धारण करे हुए कुछ बच्चों ने अहिंसा मार्च का नेतृत्व किया तो इस खुबसूरत नजारे को देख लग रहा था जैसे स्वयं महात्मा गांधी ही इसका नेतृत्व कर रहे हो। उत्साहित हजारों बच्चों की मौजूदगी से आलम यह था कि अहिंसा मार्च के दौरान चेतक चौराहे से लेकर टाउन हॉल तक सम्पूर्ण मार्ग पर प्रतिभागियों की लाइन लगी हुई थी। इस मार्च का अगला छोर टाउन हॉल पहुंचा तो पिछला छोर कोर्ट चौराहे पर था। लंबे छोर को देखते हुए इस मार्च को शहीद स्मारक पर प्रवेश के बाद टाउन हॉल का चक्कर कटवाकर पीछे के मार्ग से प्रवेश करवाना पड़ा। इस मौके पर 10 हजार से अधिक लोगों की मौजूदगी शहरभर में चर्चा का विषय रही।
स्काउट गाइड की रही भागीदारी
विशाल अहिंसा रैली में भारत स्काउट व गाइड संगठन से स्थानीय राजकीय एवं निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों से 1125 स्काउट्स गाइड्स रोवर्स रेंजर्स और उनके प्रभारियों ने स्काउट गाइड पोशाक में भाग लिया। जिला संगठन आयुक्त स्काउट एवं गाइड सुरेंद्र कुमार पाण्डे एवं विजयलक्ष्मी वर्मा ने स्काउट्स गाइड्स के दल का नेतृत्व किया।