गिट्स के छात्रों ने पूजा-पाठ के लिए बना दी कॉन्टैक्टलेस बेल , करवाया पेटेंट
गीतांजलि इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल स्टडीज डबोक के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूजा .पाठ के लिए कांटेक्ट लेस बेल बनाकर और पेटेंट कराकर इतिहास रच दिया.
संस्थान के निदेशक आइक्यूएसी डॉ सुधाकर जिंदल ने बताया कि भारत में सभी धर्मों के लोग मिल जुल कर रहते हैं । सभी धर्मों में पूजा पाठ का विशेष महत्व है ऐसे में मंदिर और गिरजाघर में घण्टी का प्रयोग पूजा पाठ का अभिन्न अंग माना गया है। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों की मंदिर में घण्टी बजाने की मंसा अधूरी रह जाती हैए इसके पीछे का तर्क यह है कि घंटी को छूने से करोना का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.
लोगो की इसी अधूरी मंशा को पूरा करने के लिए कंप्यूटर इंजीनियरिंग ब्रांच के द्वीतिया वर्ष के विद्यार्थी अक्षाली जैनए अंकुश पटेलए मेहुल जैनए मोहित मालीए प्रियम जैन व टीना कुवंर चौहान ने कंप्यूटर विभागाध्यक्ष डॉ मयंक पटेल व असिस्टेंट प्रोफेसर लतीफ खान के निर्देशन में अल्ट्रासोनिक सेंसर आधारित कांटेक्ट लेस बेल बनाई है जो कि दूर से ही बिना छुए ही आप के इशारे को समझ कर बज जाएगी. जिससे श्रद्धालु घंटी को बिना छुए ही इसे बजा पाएंगे.
वित्त नियंत्रक बीएल जांगिड़ के अनुसार शोध को सही दिशा देना बहुत जरूरी है। शोध लाइब्रेरी में रखने की चीज नहीं है असल में शोध वह है जो देश और समाज के लोंगो का जीवन को सरल बनाएं । गिट्स पहले ही खेती किसानी पर आधारित विभिन्न प्रोजेक्ट बनाकर उसको पेटेंट कर चुका है तथा भारत सरकार से विभिन्न अवार्ड भी प्राप्त कर चुका है।यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में सफलता की तरफ बढ़ता एक और कदम है. इस अवसर पर एम् बी ए निदेशक डॉ पीके जैन ने विद्यार्थिओं का हौसला अफजाई किया.