गिट्स में 24 घण्टे से चल रहे आन्तरिक स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन 2022 का समापन

 गिट्स में 24 घण्टे से चल रहे आन्तरिक स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन 2022 का समापन

गीतांजली इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर मंे केन्द्रीय मानव विकास मंत्रालय एवं आई.सी.टी.ई. के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे आन्तरिक स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन.2022 का समापन हो गया।

संस्थान के निदेशकडाॅ. विकासमिश्र ने बताया कि स्मार्ट इण्डिया हैकथाॅन में देशभर के तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थी अपनी अपनी रिसर्च के जरिये विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के विकास में योगदान करते हैं तथा सामाजिक समस्याओं के निराकरण के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करते हैं।

यह एक देश व्यापी प्रतियोगिता हैं जिसका उद्ेदश्य नये इनोवेशन करना तथा तकनीकी समस्याओं के निदान के लिए टेक्नोलाॅजी विकसित करना हैं। 24 घण्टे चलने वाले इस आन्तरिक हैकथाॅनमें गिट्स के विद्यार्थियों ने 457 साॅफ्टवेयर आधारित प्रोबलम स्टेटमेंट पर 24 टीमो ने भाग लिया जिसमें 12 हार्डवेयर की टीम तथा 12 साॅफ्टवेयर की टीम थी।

यह प्रोब्लम स्टेटमेंट भारत के प्रमुख मंत्रालयों एवं प्रतिष्ठित कम्पनीज के द्वारा प्रदान किये गये थे।

निदेशक आई.क्यू.ए.सी. डाॅ. सुधाकर जिंदल ने कहा कि इस हैकथाॅन में प्रतिभागी मिनिस्ट्री आॅफ पाॅवर, मिनिस्ट्री आॅफ कल्चर, मिनिस्ट्री आॅफ कोल र्माइंस के साथ-साथ राज्य सरकारों तथा प्रतिष्ठित कम्पनीज जैसे हीरो इलेक्ट्रिक टाटा मोटर्स, आडानी ग्रुप, पेटीएम महिन्द्रा जैसी संस्थाओं के समस्याओं का भी तकनीकी समाधान निकाला गया।

कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. मयंक पटेल के अनुसार भारत सरकार द्वारा प्रायोजित यह हैकथाॅन दो चरणों में प्रतिपादित होता हैं। जिसमें पहला चरण गिट्स के केम्पस में 04 सम्मानित जज आशीष पानेरी (सीनीयर साॅफ्टवेयरमेनेजर, माइक्रोसाॅफ्ट इण्डिया), लोकेशपुरी गोस्वामी (हेड प्रोजेक्ट डवलपमेंट, एंगीरस इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड), अरबाज हुसैन (एप्लीकेशन लीड, एच.सी.एल. टेक्नाॅलोजी), देवांशु पालीवाल (प्रोजेक्ट मेनेजर, ई कनेक्ट) के मूल्यांकन के उपरान्त सम्पन्न हुआ। जिसमें कुल 10 टीमें विजयी रही। जो द्वितीय चरण में जून 2022 में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हैकथाॅन में प्रतिभाग करेगी। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रो. रूचि व्यास द्वारा किया गया। इस असवर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि अब वह वक्त आगया है किताबों के लबादे से बाहर निकल कर समाज में अन्तिम पंक्ति तक कुछ किया जाए तथा रोजमर्रा की समस्याओं का इन्जिनियरिंग के माध्यम से तकनीकी समाधान निकाला जाये।

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