पर्यावरण व विरासत संरक्षण लेखिका आर्या चावड़ा ने विद्या भवन में दिया उद्बोधन

 पर्यावरण व विरासत संरक्षण लेखिका आर्या चावड़ा ने विद्या भवन में दिया उद्बोधन

सुखद कल के लिए आज बदलना होगा प्रकृति के साथ व्यहवार

विश्व प्रसिद्ध पर्यावरण व विरासत संरक्षण लेखिका बारह वर्षीय आर्या चावड़ा शनिवार को विद्या भवन उदयपुर पंहुची। आठ वर्ष की उम्र से लेखन व जनजागृति कर रही आर्या अभी तक नौ पुस्तकें लिख चुकी है। इन पुस्तकों को यूनेस्को ने प्रकाशित किया है। आर्या की प्रसिद्ध पुस्तकों मे से एक “गांधीजी के साथ एक दिन ” है।

आर्या की सीड्स ऑफ हॉप, नो गर्ल शुड भी लेफ्ट बीहाइंड इत्यादि पुस्तकें विश्व प्रसिद्ध हुई है। अभी आठवी मे पढ़ रही आर्या अपनी पुस्तकों मे विषय वस्तु से संबंधित चित्र भी स्वयम बनाती है।

एक प्रभावी पर्यावरण व विरासत संरक्षण वक्ता के रूप मे पेरिस सहित विश्व के कई देशों मे व्याख्यान दे चुकी आर्या को अगले सप्ताह उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड ने आमंत्रित किया है। जंहा वो अपनी इको आर्मी की जानकारी उपराष्ट्रपति को देगी।

विद्या भवन ऑडिटोरियम मे स्कूली विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आर्या ने अपने एक घंटे के उद्बोधन मे जलवायु परिवर्तन एवं उसके दुष्परिणामों से सभी को अवगत करवाया।उन्होंने कहा कि सुखद कल के लिए आज से ही प्रकृति व पर्यावरण के साथ हमारे व्यहवार को बदलना होगा। आज ही एक्शन शुरू करने होंगे।

आर्या ने पर्यावण को कैसे बचा सकते हैं, अपना कार्बन फुटप्रिंट कैसे कम कर सकते है, कैसे लोगों में जागरूकता फैला सकते है, घर के स्तर पर तथा व्यहवार मे क्या बदलाव कर सकते है, इत्यादि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। आर्या ने स्वयं का खाना खुद उगाने, सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग रोकने, पानी का संरक्षण करने पर जोर देते हुए पर्यावरण संरक्षण पर सभी को शपथ दिलाई। अपनी हमउम्र आर्या से स्कूली विद्यार्थियों ने खुल कर चर्चा की।

संचालन निष्ठा जैन ने किया। धन्यवाद विद्या भवन पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने दिया।

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