पर्यटन को ग्रामीण परिवेश, ट्राईबल कल्चर और नैसर्गिंक सौंदर्य से जोड़ा जाए – जिला कलक्टर

 पर्यटन को ग्रामीण परिवेश, ट्राईबल कल्चर और नैसर्गिंक सौंदर्य से जोड़ा जाए – जिला कलक्टर

जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक

बुधवार शाम को कलक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक आयोजित की गई, बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने उदयपुर ज़िले के ग्रामीण और जन जातिय संस्कृति को पर्यटन से जोड़ने पर अपने विचार पेश किये. साथ ही शहर के पर्यटन स्थलों के रखरखाव, व्यवस्था को सही करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि उदयपुर आने वाले पर्यटकों का यहां ठहराव बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की विशेषताओं से जोड़ना होगा। इसमें खास कर जनजाति परिवेश व संस्कृति, नदी-नाले और हरे-भरे पहाड़, यहां उपलब्ध दुर्लभ मेडिसिन प्लांट तथा नए विकसित किए जा रहे सीताफल एक्सीलेंस सेंटर, आम एक्सीलेंस सेंटर आदि को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने जिला मुख्यालय पर स्थित शिल्पग्राम की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों झाडोल-फलासिया, जयसमंद आदि स्थलों पर भी शिल्पग्राम स्थापित करने के प्रस्ताव बनाने की बात कही।


बिरसा मुंडा जयंती पर मनाया जाएगा आदि महोत्सव

प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर उदयपुर में आदि महोत्सव मनाए जाने के लिए राज्य सरकार से आदि महोत्सव को पर्यटन विभाग के वार्षिक कलेण्डर में शामिल करने का भी आग्रह किया गया है तथा उसमें जल्द ही सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।

मीणा ने शहर में हेरिटेज वॉक-वे शुरू करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम, युआईटी व पर्यटन विभाग के अधिकारियों को इसके लिए जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर उसे मूर्तरूप देने के लिए पाबंद किया।

जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने पर्यटन विकास से जुड़े सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उदयपुर में इको ट्यूरिज्म की प्रबल संभावनाएं हैं।

माउंटेन ट्रेकिंग, एडवेंचरल एक्टीविटी के लिए स्थलों को चिन्हित कर प्रोपर गाइड की व्यवस्था जाए तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

प्रारंभ में पर्यटन विभाग की उपनिदेशक ने गत बैठक कार्यवाही विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, वन विभाग से उपवन संरक्षक (वन्यजीव) अरूण कुमार, पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, होटल ऐसोसिएशन के राजेंद्रसिंह राठौड़, राकेश चौधरी, सुभाषसिंह, यूबी श्रीवास्तव, ट्यूरिस्ट गाइड एसोसिशन के नारायण सालवी आदि उपस्थित रहे।


यह भी दिए निर्देश :

  • बैठक में पर्यटन विकास के जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़कों के विस्तार के प्रस्ताव तैयार करने
  • पर्यटन केंद्रों के आकर्षक साइन बोर्ड लगवाने
  • बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर पर्यटन स्वागत केंद्र संचालन को लेकर प्रस्ताव तैयार कर सक्षम स्तर से स्वीकृति के लिए प्रेषित करने
  • उदयपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थलों पर डिस्प्ले करने
  • चावण्डा, गोगुंदा में स्वीकृत राशि के अनुरूप जल्द कार्य शुरू करने
  • पिछोला में वाहन धुलाई रोकने के लिए लाल घाट पर गणगौरघाट की तर्ज पर चौन लगाने
  • पर्यटकों से मनमाना किराया वसूली रोकने के लिए ऑटो रिक्शा युनियन को विश्वास में लेकर किराया दर डिस्प्ले करने
  • शहर में ई-रिक्शा संचालन में होटल एसोसिएशन से भी सहयोग करने
  • दूध तलाई में बंद पडे़ म्यूजिकल फाउंटेन को जल्द प्रारंभ कराने
  • पर्यटन विकास की बैठक में राजस्थान पुरातन विभाग को भी बुलवाया जाए, ताकि उससे जुडे़ विषयों को समाधान हो सके
  • जयसमंद लैपर्ड सफारी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने
  • सज्जनगढ़ दुर्ग पर क्षतिग्रस्त कॉनक्लेव मिरर नया लगाने
  • सड़क को दुरस्त करने व झीलों की सफाई के दौरान निकाली जाने वाली जलकुम्भी एवं गंदगी को मौके से तत्काल हटाने आदि के निर्देश दिए।

समिति सदस्यों ने हेल्पडेस्क स्थापित करने का दिया सुझाव

बैठक दौरान जिला पर्यटन समिति में राज्य सरकार की ओर से मनोनीत सदस्य शांता प्रिंस और नवल सिंह चुंडावत ने लेकसिटी में पर्यटकों की सुविधा के लिए अलग-अलग स्थानों पर हेल्प डेस्क स्थापित करने का सुझाव दिया । प्रिंस और चुंडावत ने बताया कि पर्यटन विभाग को कहा गया है कि बाहर से आने वाले पर्यटको के मुख्य प्रवेश स्थल पर जिले के पर्यटन स्थलों की जानकारी से युक्त हेल्प डेस्क की स्थापित की जाए और यहां पर कर्मचारी नियुक्त करते हुए उसे पर्यटकों को उचित सलाह सुझाव देने के लिए पाबंद किया जावे। जिला कलक्टर ने भी विभाग को यह व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

Related post